अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने का झूठा दावा अक्सर करते रहते हैं। अब चीन ने भी यही राग अलापना शुरू कर दिया है। चीन ने दावा किया है कि उसने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़पों के बाद तनाव कम करने में मध्यस्थता की थी। यह दावा चीन के विदेश मंत्री वांग यी की ओर से किया गया है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए वांग यी ने कहा कि चीन ने कई वैश्विक संघर्षों में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है, जिसमें भारत और पाकिस्तान भी शामिल है।
इस साल 22 अप्रैल को पहलगाम अटैक के बाद मई में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। यह ऑपरेशन आतंकियों के खिलाफ था। इसके बाद बौखलाकर पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने की कोशिश की थी, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया था। 4 दिन तक चले सैन्य टकराव के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया था।
ट्रंप दावा करते हैं कि टैरिफ की धमकी देकर उन्होंने दोनों के बीच सीजफायर करवा दिया था। हालांकि, भारत साफ कर चुका है कि तनाव करने पर सहमति दोनों पक्षों के बीच बनी थी और इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
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चीन का क्या है दावा?
विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'स्थायी शांति के लिए हमने एक निष्पक्ष और न्यायसंगत रुख अपनाया है।' उन्होंने कहा, 'हमने उत्तरी म्यांमार, ईरानी परमाणु मुद्दे, पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव, फिलिस्तीन और इजराइल के बीच मुद्दों और कंबोडिया-थाईलैंड के बीच हालिया संघर्ष में मध्यस्थता की है।'

चीन खुद बेनकाब हो गया?
मध्यस्थता को लेकर चीन ने जो दावा किया है, उससे अब उसकी ही पोल खुल गई है। भारत कई बार कह चुका है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया था।
चीनी हथियारों के दम पर ही पाकिस्तान ने भारतीय सेना का सामना किया था, जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ी थी। चीन, पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है।
नवंबर में यूएस-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग की एक रिपोर्ट में चीन पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद फर्जी खबरें चलाने का आरोप लगाया गया था।
अमेरिकी कांग्रेस की सलाहकार संस्था ने कहा कि चीन ने नकली सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल करके AI से बनाई गई नकली विमान के मलबे की तस्वीरें फैलाईं, जिसका मकसद कथित तौर पर फ्रेंच राफेल फाइटर जेट्स की बिक्री को कम करना और अपने J-35 विमान को बढ़ावा देना था।
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पाकिस्तान ने की थी सीजफायर की अपील
6 और 7 मई की रात को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 4 दिन तक सैन्य टकराव चला था। हालात जंग तक पहुंच गए थे।
4 दिन के संघर्ष में भारतीय सेना को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था। इससे घबराकर पाकिस्तान ने सीजफायर की अपील की थी। पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय सेना के DGMO को फोन किया था। इसके बाद दोनों देश 10 मई से गोलीबारी और सभी सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत हो गए थे।