सलमान खान की आने वाली फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह फिल्म जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प पर आधारित है। सलमान खान ने इस फिल्म का टीजर 26 दिसंबर को रिलीज किया था। यह फिल्म अप्रैल 2026 में रिलीज होने वाली है। इसे लेकर अब चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' ने एक लंबा-चौड़ा लेख लिखा है। इस लेख में ग्लोबल टाइम्स ने तथ्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है।
फिल्म में सलमान खान कर्नल बिक्कुमल्ला संतोष बाबू का किरदार निभा रहे हैं। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में संतोष बाबू शहीद हो गए थे।
इस फिल्म को लेकर चीनी एक्सपर्ट ने कहा कि बॉलीवुड फिल्में एंटरटेनमेंट से भरी होती है। इमोशनल कूट-कूटकर दिखाया जाता है लेकिन कोई भी बढ़ा-चढ़ाकर इतिहास को दोबारा नहीं लिख सकती या चीनी सेना PLA के इरादों को हिला नहीं सकती।
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टीजर आते ही कंट्रोवर्सी शुरू
फिल्म का टीजर रिलीज होने के बाद कई तरह की कंट्रोवर्सी शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसकी तुलना 'गेम ऑफ थ्रोन्स' के एक सीन से की और दावा किया कि 'बैटल ऑफ गलवान' का वह सीन इसी से कॉपी किया है।
'ग्लोबल टाइम्स' लिखता है कि इस फिल्म ने कई और भी दूसरी कंट्रोवर्सी खड़ी की हैं, जिनमें यूजर्स ने कलाकारों के लुक और कॉस्ट्यूम्स को लेकर सवाल उठाए हैं। अखबार लिखता है कि घटनाओं को ऐसे दिखाया गया है, जो तथ्यों से मेल नहीं खातीं।
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चीनियों ने उड़ाया मजाक
गलवान घाटी में जब जून 2020 में झड़प हुई थी, तब करीब 200 भारतीय सैनिकों ने 1,200 चीनी सैनिकों का मुकाबला किया था और अपने क्षेत्र की रक्षा की थी।
हालांकि, चीनी अब इस पर मजाक उड़ा रहे हैं। चीन के एक यूजर ने सोशल मीडिया साइट वीबो पर लिखा, 'भारतीय फिल्म सच को पूरी तरह से गलत साबित करती है।'

एक और वीबो यूजर 'Situka 98' ने इसका मजाक उड़ाते हुए कहा, 'जब इतिहास कम पड़ जाता है तो बॉलीवुड आगे आता है।'
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चीन ने भारत पर ही लगा दिया था इल्जाम
गलवान में जो झड़प हुई थी, वह सीधे-सीधे चीनी सैनिकों के उकसावे के कारण हुई थी। चीन के सैनिक कई बार भारतीय सैनिकों को उकसाने की कोशिश करते हैं। जून 2020 में गलवान की झड़प भी इसी का नतीजा थी। हालांकि, अपनी आदत से मजबूर चीन कभी इसे नहीं मानता।
चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि गलवान घाटी में LAC पर भारतीय सेना सड़कें और पुल जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही थी। चीन ने विरोध किया लेकिन भारत ने उकसाने की कोशिश की। चीन ने आरोप लगाया कि भारत LAC पर बैरिकेडिंग कर दी, जिससे चीनी सैनिकों की पेट्रोलिंग में रुकावट आई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावा किया था कि 15 जून 2020 को भारतीय सैनिकों ने समझौते का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर LAC पार की थी। आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने बातचीत के लिए आए चीनी अधिकारियों और सैनिकों पर हिंसक हमला भी किया, जिससे हिंसक झड़प हो गई।
इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। जबकि, भारतीय सैनिकों ने चीन के 40 सैनिकों को मार गिराया था। चीन ने कई महीनों तक इस बात को नहीं माना था। 2021 में चीन ने इस झड़प में अपने सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल की थी।