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US: भारतीय छात्रा से फ्रॉड, खुद को ICE अधिकारी बताकर ठगे 5,000 डॉलर

अमेरिका में पढ़ाई कर रही भारतीय छात्रा श्रेया बेदी एक ठगी का शिकार हो गई। स्कैमर्स ने फर्जी कॉल के जरिए उसे धोखे में डालकर करीब 5,000 डॉलर ठग लिए। जानिए पूरा मामला।

Indian origin student scammed in US

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

भारतीय छात्रा श्रेया बेदी के साथ एक बड़ी धोखाधड़ी हो गई। कुछ लोगों ने खुद को इमिग्रेशन अधिकारी यानी ICE एजेंट बताकर उसे फोन किया और कहा कि वह अमेरिका में इमिग्रेशन के नियम तोड़ रही है। उन्होंने उसे डराया कि अगर उसने उनकी बात नहीं मानी तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा और देश से निकाल दिया जाएगा। डर के मारे श्रेया ने उनकी बात मान ली। उन्होंने उससे कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसे 5000 डॉलर के गिफ्ट कार्ड्स खरीदकर उन्हें भेजने होंगे, जिसे उन्होंने 'बॉन्ड पेमेंट' का नाम दिया।

 

F-1 वीजा पर अमेरिका आई थी श्रेया

श्रेया 2022 में F-1 वीजा पर अमेरिका आई थी और इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन से ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरैक्शन में मास्टर डिग्री कर रही थी। उसने बताया कि 29 मई को उसे एक कॉल आया। कॉल करने वाला खुद को ICE एजेंट बता रहा था। उसने अपना नाम और बैज नंबर भी बताया, और कहा कि वह चाहे तो ice.gov वेबसाइट पर जाकर उसके ऑफिस की डिटेल्स चेक कर सकती है। जब श्रेया ने देखा, तो वेबसाइट पर वही फोन नंबर मौजूद था जिससे उसे कॉल आया था, जिससे उसे लगा कि यह कॉल असली है। असल में, यह सब एक चाल थी और श्रेया ठगी का शिकार हो गई।

 

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3 घंटे तक फोन पर लगातार किया टॉर्चर

घोटालेबाजों ने बेदी को कहा कि उनके फोन पर निगरानी रखी जा रही है और वह किसी को फोन नहीं कर सकतीं। फिर एक और ठग ने खुद को ओलंपिया पुलिस का अफसर बताकर फोन किया और कहा कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है। बेदी ने कहा, 'मुझे लगने लगा कि मैं पूरी तरह फंस चुकी हूं। उन्होंने मुझे तीन घंटे तक लगातार फोन पर बनाए रखा और बार-बार डराया कि अगर मैंने फोन काटा या किसी से बात की तो मेरा केस और बिगड़ जाएगा। मैं इतनी डरी हुई थी कि कोई भी रिस्क लेने की हिम्मत नहीं हुई।'

 

फर्जी ICE अफसर की बड़ी मांग

घोटालेबाजों ने उनसे कहा कि वह 5,000 डॉलर के एप्पल और टारगेट गिफ्ट कार्ड खरीदें और उनके कोड उन्हें फोन पर बताएं। उन्होंने यह भी कहा कि अगली सुबह एक पुलिस अधिकारी आकर कार्ड और कुछ कागज ले जाएगा लेकिन वह कॉल फिर कभी नहीं आई। बेदी ने कहा, 'उन्होंने घंटों तक मुझे मानसिक रूप से इतना परेशान किया कि मैं मानने लगी थी कि सच में मेरी गिरफ्तारी या निर्वासन होने वाला है।' चौंकाने वाली बात यह थी कि उन ठगों को बेदी के बारे में सबकुछ पता था। उन्होंने भारत में कहां से पढ़ाई की, किस शहर से हैं, अमेरिका में कहां से आईं।

 

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GoFundMe के जरिए मदद मांग रही श्रेया

अब बेदी GoFundMe के जरिए मदद मांग रही हैं। उन्होंने कहा, 'अगर आपको कोई कॉल करके डराने की कोशिश करे, तो आपको फोन काटने और वकील से बात करने का पूरा हक़ है। सरकारी दफ्तर कभी सीधे फोन नहीं करते -वे हमेशा कोई आधिकारिक चिट्ठी भेजते हैं। कोई भी असली सरकारी संस्था आपसे फोन पर गिफ्ट कार्ड, बैंक की जानकारी या आपका सोशल सिक्योरिटी नंबर नहीं मांगेगी। अगर कोई ऐसा करे, तो समझ लीजिए कि यह ठगी है। हम जैसे इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को यहां के सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती, इसलिए हम ऐसे फ्रॉड के लिए आसान शिकार बन जाते हैं। मुझे अफसोस है कि मैं इस झांसे में आ गई लेकिन मैं चाहती हूं कि बाकी लोग मेरी गलती से सीखें और सतर्क रहें।'

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