उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में सबकुछ ठीक नहीं है। भारत के खिलाफ नारेबाजी और उच्चायोग को निशाना बनाना आम होता जा रहा है। राजधानी ढाका के बाद चटगांव स्थित सहायक उच्चायोग पर भीड़ ने हमला करने की कोशिश की और मुख्य गेट पर पथराव किया। इस बीच चटगांव स्थित भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (IVAC) ने अपना कामकाज ठप कर दिया है। रविवार से वीजा आवेदन को अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया। केंद्र ने एक बयान में कहा कि 21 दिसंबर से चटंगाव में वीजा से जुड़ी सभी सेवाएं अगले आदेश तक बंद रहेंगी। वीजा आवेदन को खोलने का फैसला सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा।
भारतीय वीजा आवेदन केंद्र बांग्लादेश में कुल पांच केंद्रों का संचालन करता है। यह केंद्र राजधानी ढाका, खुलना और राजशाही, चट्टोग्राम और सिलहट में हैं। पिछले बुधवार को भारत ने ढाका में अपना वीजा आवेदन केंद्र बंद कर दिया था। हालांकि बाद में इसे शुरू कर दिया गया। इसी तरह राजशाही और खुलना में भी केंद्रों को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा था। उधर, 20 दिसंबर को सिलहट स्थित भारत के सहायक उच्चायोग की सुरक्षा भी कड़ी की गई है।
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अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन
बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक नई दिल्ली स्थिति बांग्लादेश उच्चायोग और अगरतला स्थित सहायक उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। टिपरा मोथा पार्टी के यूथ विंग यूथ टिपरा फेडरेशन (YTF) ने शुक्रवार को अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद सहायक उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक नमित पाठक के मुताबिक सहायक उच्चाोग की सुरक्षा में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स और सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है।
हसनत अब्दुल्ला के बयान पर हंगामा क्यों?
दरअसल, 12 दिसंबर को ढाका में छात्र नेता उस्मान हादी को गोली मारी गई थी। उसके तीन दिन बाद यानी 15 दिसंबर को हादी पर हमले के विरोध में एक रैली आयोजित की गई। इसमें बांग्लादेश की नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के नेता हसनत अब्दुल्ला ने भारत विरोधी बयान दिया। उसने अपनी धमकी में कहा कि अगर बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाई गई तो भारत के सेवन सिस्टर्स को अलग कर दिया जाएगा। उसका तर्क था कि भारत बांग्लादेश में अशांति फैलाने वालों का समर्थन करता है। हसनत अब्दुल्ला के इसी बयान के बाद यूथ टिपरा फेडरेशन ने अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
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क्या है उस्माद हादी मामला?
पिछले साल शेख हसीना को हटाने वाले प्रमुख लोगों में उस्मान हादी का भी नाम शामिल है। कुछ समय पहले उसने भारत का विवादित मैप साझा किया था। 12 दिसंबर को ढाका में दो बाइक सवारों ने उसे गोली मार दी। पहले इलाज बांग्लादेश में चला। बाद में 15 दिसंबर को उसे सिंगापुर भेजा गया। 18 दिसंबर की रात उसका निधन हो गया। मौत की खबर आने के बाद पूरे बांग्लादेश में हिंसा शुरू हुई। भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाने की कोशिश की गई। शनिवार को उसे ढाका यूनिवर्सिटी मस्जिद के पास नेशनल कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के ठीक बगल में दफनाया गया।