भारत में अलगाववादी विवाद के केंद्र में रहे खालिस्तानी अलगाववादी इंद्रजीत सिंह गोसल ने हाल ही में कनाडा में ज़मानत पर रिहा होने के बाद भारत में खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह कराने की अपनी मंशा एक बार फिर ज़ाहिर की।
खालिस्तानी मामलों से जुड़े गोसल को एक हफ़्ते के भीतर ही ओंटारियो सेंट्रल ईस्ट करेक्शनल सेंटर से ज़मानत पर रिहा कर दिया गया। ज़मानत के तुरंत बाद, गोसल ने एक वीडियो जारी कर भारत के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी को चेतावनी दी कि नई दिल्ली जल्द ही खालिस्तान बन जाएगी।
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अजीत डोभाल को दी धमकी
जेल के गेट के ठीक बाहर रिकॉर्ड किए गए वीडियो में गोसल कहते हैं, 'गुरपतवंत सिंह पन्नू का समर्थन करने, 23 नवंबर, 2025 को खालिस्तान जनमत संग्रह कराने के लिए मैं बाहर आ गया हूं। दिल्ली बनेगा खालिस्तान।'
इसी क्लिप में, खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मोदी सरकार और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर निशाना साधते हुए उन्हें विदेश में किसी भी प्रत्यर्पण या गिरफ्तारी की कोशिश करने की चुनौती दी।
पन्नू ने घोषणा की, 'अजीत डोभाल, आप कनाडा, अमेरिका या किसी यूरोपीय देश में आकर गिरफ्तारी या प्रत्यर्पण की कोशिश क्यों नहीं करते? डोभाल, मैं आपका इंतज़ार कर रहा हूं।'
इनाम देने की बात कही
इस बीच, प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस संगठन के प्रमुख पन्नू पर हाल ही में भारत की संप्रभुता को चुनौती देने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने अपने एक भाषण में स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में झंडा फहराने से रोकने वाले को 11 करोड़ रुपये का इनाम देने की बात कही थी।
अलगाववादी समूह सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के कनाडा में को-ऑर्डिनेटर इंद्रजीत सिंह गोसल को गुरुवार को अधिकारियों ने जमानत पर रिहा कर दिया।
गुरपतवंत का है करीबी
एसएफजे के जनरल काउंसिल गुरपतवंत पन्नून का करीबी माने जाने वाले गोसल को न्यूयॉर्क के पिकविले निवासी 41 वर्षीय जगदीप सिंह और टोरंटो निवासी 23 वर्षीय अरमान सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया।
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एसएफजे ने कहा कि गोसल को ओंटारियो के लिंडसे सुधार केंद्र से रिहा कर दिया गया है, जहां उन्हें रखा गया था, और वे 23 नवंबर को होने वाले तथाकथित जनमत संग्रह के अगले चरण का नेतृत्व करेंगे।
बुधवार को एक बयान में, ओंटारियो प्रांतीय पुलिस के राजमार्ग सुरक्षा प्रभाग ने कहा कि 19 सितंबर को ओशावा शहर में उनके वाहन को रोके जाने के बाद तीन व्यक्तियों पर 36 हथियार-संबंधी आरोप लगाए गए।