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ट्रंप के दावों पर बोले PAK के मंत्री- भारत ने ठुकरा दिया था प्रस्ताव

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान संबंधों में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है। उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका ने मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने उसे ठुकरा दिया।

Mohammad Ishaq Dar

मोहम्मद इशाक डार, Photo Credit- @AJEnglish

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में लगातार तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है। इशाक डार ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका की तरफ से मध्यस्थता के लिए प्रस्ताव आया था पर भारत इस पर सहमत नहीं हुआ था।  

 

इशाक डार से ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के साथ बातचीत की संभावनाओं और पर्दे के पीछे की बातचीत के बारे में पूछा गया था। तब इस पर इशाक डार ने मई और बाद में जुलाई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया।

इशाक डार ने बताया

इशाक डार ने कहा, 'जब 11 मई को सुबह 8.17 बजे विदेश मंत्री मार्को रुबियो के माध्यम से युद्ध विराम का प्रस्ताव मेरे पास आया, तो मुझे बताया गया कि 'बहुत जल्द, आपके और भारत के बीच एक स्वतंत्र स्थान पर बातचीत होगी'।'

 

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पाकिस्तानी मंत्री ने आगे कहा, 'जब 25 जुलाई को वाशिंगटन में मेरे और मार्को के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, तो उन्होंने कहा, 'भारत का कहना है कि यह द्विपक्षीय है'।' उन्होंने यह संकेत दिया कि मध्यस्थता के अमेरिकी प्रयास फिर से विफल हो गए हैं।

 

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से कोई आपत्ति नहीं है, 'लेकिन भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह द्विपक्षीय है'।

'हमें द्विपक्षीय बातचीत से कोई आपत्ति नहीं है'

इशाक डार ने कहा, 'हमें द्विपक्षीय बातचीत से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बातचीत व्यापक होनी चाहिए। बातचीत आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था और जम्मू-कश्मीर पर होनी चाहिए।' उन्होंने यह माना कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने दुनिया के कई देशों से बातचीत करने की कोशिश की थी।  

 

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उन्होंने कहा, 'हमें भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका की सराहना करनी चाहिए। हमने कभी किसी से युद्ध विराम की मांग नहीं की। 7 मई से पहले और 10 मई के बाद लड़ाई के समय, मैंने दुनिया की राजधानियों से लगभग 60 बार बात की।'

डोनाल्ड ट्रंप के दावों को किया खारिज

इशाक डार की यह टिप्पणी उस समय आई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कई जगहों पर यह कह चुके हैं कि वाशिंगटन ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित की। मई में भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर 20 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले का जवाब दिया था।

 

हमला दोनों ओर से हो रहा था। ऐसा लग रहा था कि लड़ाई बहुत लंबी चल सकती है। इसके बाद अचानक से 10 मई की शाम को डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी दुनिया को दी। खैर भारत ने हमेशा ही इन अमेरिकी दावों का खंडन किया है।

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