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ग्रेटा थनबर्ग की नाव को रोकेगा इजरायल, नौसेना को दिया आदेश

जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की नाव को इजरायल ने हर हाल में रोकने की बात कही है। रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने नौसेना को नाव को रोकने का आदेश दिया है। यह नाव गाजा की तरफ बढ़ रही है।

Israel orders to stop Greta Thunberg boat.

गाजा की तरफ बढ़ रही ग्रेटा की नाव। (Photo Credit: X/@RimaHas)

जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग का जहाज मिस्र के तट पर पहुंच चुका है। उम्मीद है कि जल्द यह फलस्तीन की तरफ रवाना होगा। इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने  ग्रेटा थनबर्ग के जहाज को रोकने का आदेश अपनी सेना को दिया है। उनका कहना है कि इजरायल अपनी नौसेना की नाकाबंदी तोड़ने की इजाजत नहीं देगा। इजरायल ने यह नाकाबंदी इसलिए किया है कि हमास तक हथियारों की खेप समुद्र के रास्ते न पहुंचे।

 

ग्रेटा थनबर्ग का जहाज मैडलीन 1 जून को इटली के सिसिली बंदरगाह से रवाना हुआ था। नाव में फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन के कार्यकर्ता भी सवार हैं। इसमें फलस्तीन और इंग्लैंड का झंडा लगा है। ग्रेटा का कहना है कि यह नाम फलस्तीन तक मदद पहुचाएंगी, लेकिन इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी हाल में नाव को गाजा पहुंचने नहीं दिया जाएगा। इजरायली नौसेना ने अब ग्रेटा थनबर्ग के जहाज को रोकने की तैयारी कर ली है। फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन इजरायल विरोधी और फिलीस्तीनी समर्थक समूह है।

नाव में 12 कार्यकर्ता सवार

ब्रिटेन ने इजरायल से नाव और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा और मिशन को सेल्फी फ्लोटिला नाम दिया। टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि वे कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन ऐसा तब ही करें जब सुरक्षा को खतरा हो। जहाज पर कुल 12 कार्यकर्ता सवार हैं। इसमें स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, ब्राजील के थियागो अविला, आयरिश 'गेम ऑफ थ्रोन्स' अभिनेता लियाम कनिंघम और फ्रांसीसी-फिलिस्तीनी यूरोपीय संसद रीमा हसन शामिल हैं।

इजरायल ने नौसेना को दिया नाव को रोकने का आदेश

इजरायली रक्षा अधिकारियों का कहना है कि नाव के मार्ग पर नजर है। अगर नाव गाजा की तरफ बढ़ती है तो नौसेना उसे रोकेगी। बता दें कि हाल ही में फ्रांस और ब्रिटेन ने खुलकर गाजा में इजरायली कार्रवाई के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। जहाज पर ब्रिटेन का झंडा लगा है। इजरायल ने ब्रिटेन से संपर्क साधा और जहाज से ब्रिटेन का झंडा हटाने की अपील की हालांकि ब्रिटेन यह मांग खारिज कर दी। 

क्या फ्रांस देगा दखल?

फ्रांसीसी राजनयिक के हवाले से इजरायल के चैनल 12 ने बताया कि नाव पर फ्रांस की निगाहें टिकी हैं। इसमें छह फ्रांसीसी नागरिक सवार हैं। जरूरत पड़ने पर फ्रांस अपने नागरिकों की मदद करने को तैयार है। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया कि फ्रांस किस तरह से हस्तक्षेप करेगा? 

जीपीएस जैमिंग का लगाया आरोप

इस बीच जहाज में सवार कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इजरायल उनके संचार को बाधित कर रहा है। उनका आरोप है कि मौजूदा समय में नाव भूमध्य सागर में है, लेकिन उनके जीपीएस ट्रैकर ने उन्हें जॉर्डन के क्वीन आलिया हवाई अड्डे पर दिखाया। मैडलीन पर सवार ब्राजील के कार्यकर्ता थियागो एविला ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि हमें अभी कुछ बहुत ही अजीब खबर मिली है कि हमारे ट्रैकर के मुताबिक हम अब गाजा से 162 समुद्री मील दूर नहीं हैं, बल्कि जॉर्डन हवाई अड्डे पर हैं। हम जानते हैं कि इसका क्या मतलब है? जब वे (इजरायल) हमारे संचार को बाधित करना करते हैं और उपकरणों से छेड़छाड़ करते हैं तो इसका मतलब है कि वे हमले की तैयारी कर रहे हैं।

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