आर्थिक विकास पर नवाचार के प्रभाव की व्याख्या और ‘रचनात्मक विनाश’ नाम की एक प्रमुख आर्थिक अवधारणा पर शोध के लिए जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को सोमवार को इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जाएंगे। नोबेल समिति ने कहा कि विजेता अर्थशास्त्र के प्रति विपरीत, लेकिन पूरक दृष्टिकोणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मोकिर एक आर्थिक इतिहासकार हैं, जिन्होंने ऐतिहासिक सोर्स का इस्तेमाल करके लंबे समय तक रुझानों का अध्ययन किया, जबकि हॉविट और एगियन ने यह समझाने के लिए गणित का सहारा लिया कि ‘रचनात्मक विनाश’ कैसे काम करता है। ‘रचनात्मक विनाश’ से आशय उस आर्थिक अवधारणा से है कि जब एक नया और बेहतर उत्पाद या टेक्नोलॉजी बाजार में दस्तक देती है, तो पुराने उत्पाद बेचने वाली या पुरानी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाली कंपनियां घाटे में आ जाती हैं।
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कहां से हैं तीनों प्रोफेसर?
नीदरलैंड में जन्मे जोएल मोकिर (79) नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से, फ्रांस में जन्मे फिलिप एगियन (69) कॉलेज डी फ्रांस और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से तथा कनाडा में जन्मे पीटर हॉविट (79) ब्राउन यूनिवर्सिटी से हैं। मोकिर ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस से बातचीत में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने पर हैरानी जाताई। उन्होंने कहा, 'लोग हमेशा ऐसा कहते हैं, लेकिन इस मामले में मैं सच कह रहा हूं-मुझे इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि ऐसा कुछ होने वाला है।'
जोएल मोकिर ने दिया बयान
जोएल मोकिर के मुताबिक, उनके छात्रों ने उनसे नोबेल पुरस्कार जीतने की संभावनाओं के बारे में पूछा था। उन्होंने बताया, 'मैंने उनसे कहा कि मेरे अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने के बजाय पोप चुने जाने की संभावना ज्यादा है... और वैसे भी मैं यहूदी हूं।' मोकिर अगले कुछ महीने में 80 साल के हो जाएंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि उनका रिटायर होने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह उस तरह का काम है, जिसे करने का मैंने सपना देखा।'
फिलिप एगियन ने जताई भी हैरानी
फिलिप एगियन ने भी नोबेल पुरस्कार जीतने पर हैरानी जाहिर की। उन्होंने कहा, 'मैं जो महसूस कर रहा हूं, उसे शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा हूं।' एगियन ने कहा कि वह नोबेल पुरस्कार राशि अपनी शोध प्रयोगशाला में लगाएंगे। दुनिया में जारी व्यापार युद्धों और अमेरिका में बढ़ते संरक्षणवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं अमेरिका में MSME को संरक्षण देने वाले रवैये का स्वागत नहीं करता हूं। यह विश्व के विकास और इनोवेशन के लिए अच्छा नहीं है।'
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वैज्ञानिक समझ भी हासिल करनी होगी
विजेताओं को अर्थशास्त्र की एक प्रमुख अवधारणा ‘रचनात्मक विनाश’ को बेहतर ढंग से समझाने और उसका निष्कर्ष करने का श्रेय दिया गया। कहा जाता है कि अर्थशास्त्री जोसेफ शुम्पीटर ने 1942 में अपनी किताब ‘पूंजीवाद, समाजवाद और लोकतंत्र’ में ‘रचनात्मक विनाश’ की अवधारणा पेश की थी। नोबेल समिति ने कहा कि मोकिर ने “यह बताया है किया कि अगर यह सुनिश्चित करना है कि एक के बाद एक नये इनोवेशन अपने आप प्रक्रिया के तहत सामने आएं, तो हमें न केवल यह जानना होगा कि कौन-सी चीज काम करती है, बल्कि हमें इस बात की वैज्ञानिक समझ भी हासिल करनी होगी कि वह क्यों काम करती है।'
समिति ने कहा कि एगियन और हॉविट ने सतत विकास के पीछे के तंत्र की स्टडी किया, जिसमें 1992 के एक लेख में उल्लिखित तंत्र भी शामिल है, जिसके तहत ‘रचनात्मक विनाश’ को समझाने के लिए एक गणितीय मॉडल तैयार किया गया था। एगियन ने 2017 में फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान इमैनुएल मैक्रों के आर्थिक कार्यक्रम को आकार देने में मदद की थी। हाल ही में उन्होंने फ्रांस में एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आयोग की सह-अध्यक्षता की, जिसने 2024 में राष्ट्रपति मैक्रों को सौंपी रिपोर्ट में देश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए 25 सिफारिशें कीं।