logo

ट्रेंडिंग:

11 मौतें, 10 हजार इमारतें खाक... लॉस एंजेलिस की आग से कितना नुकसान?

लॉस एंजेलिस के जंगल कई दिन से आग से धधक रहे हैं। हजारों की संख्या में फायर फाइटर्स इन आग को बुझाने में लगे हैं। तेज हवाओं के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है।

los angeles fire

जंगल की आग को बुझाते फायर फाइटर्स। (Photo Credit: PTI)

अमेरिका के लॉस एंजेलिस में लगी आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है। 7 जनवरी को पैसिफिके पैलिसेड्स के जंगलों से शुरू हुई आग अब तक 5 जंगलों को अपनी चपेट में ले चुकी है। आग बुझाने में हजारों फायर फाइटर्स जुटे हैं। अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, मौतों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है।

'जैसे किसी ने परमाणु बम गिरा दिया हो'

लॉस एंजेलिस के जंगलों में लगी आग भयावह होती जा रही है। इस बीच पानी की सप्लाई भी कम हो गई है। इसे लेकर कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूजोम ने लॉस एंजेलिस के वाटर एंड पावर डिपार्टमेंट को चिट्ठी लिखी है। पानी की सप्लाई कम होने की जांच की मांग भी उन्होंने की है।


इस बीच लॉस एंजेलिस काउंटी के शेरिफ रॉबर्ट लूना ने जंगलों में लगी आग की तुलना परमाणु हमले से की है। उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने परमाणु बम गिरा दिया हो।'


आग लगने की आपदा में कुछ लोग अवसर भी तलाश रहे हैं। कई जगहों से लूटपाट और चोरी की घटना भी सामने आई है। गवर्नर न्यूजोम ने बताया कि लोगों को बचाने के लिए नेशनल गार्ड्स को भी तैनात किया जाएगा। उन्होंने चोरी और लूटपाट करने वालों को भी चेतावनी दी है।

 

Photo Credit: PTI

 

ये भी पढ़ें-- क्लाइमेट या फिर इंसान... अमेरिका के जंगलों में इतनी आग क्यों लगती है?

10 हजार से ज्यादा इमारतें जलकर खाक

अमेरिकी सरकार के मुताबिक, इस वक्त लॉस एंजेलिस के 6 जंगल आग में धधक रहे हैं। सबसे पहले पैसिफिक पैलिसेड्स के जंगलों में आग लगी थी। इसके बाद ये आग ईटन, कैनेथ, हर्स्ट, लीडिया और आर्चर के जंगलों तक पहुंच गई है। लॉस एंजेलिस के मेयर कारेन बास ने तेज हवाओं के कारण आग और फैलने की आशंका जताई है।


अधिकारियों ने बताया कि जंगलों में लगी आग से अब तक 10 हजार से ज्यादा इमारतें और घर जलकर खाक हो गए हैं। करीब दो लाख लोगों को यहां से निकलने के आदेश दिए गए हैं। अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।


एक प्राइवेट कंपनी AccuWeather ने इस आग से होने वाले नुकसान पर अनुमान जारी किया है। कंपनी का अनुमान है कि इस आग की वजह से अब तक 135 से 150 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हो चुका होगा।

आग पर कितना काबू?

लॉस एंजेलिस के जंगलों और घरों में लगी आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं। आग से जुड़ी घटनाओं पर नजर रखने वाली अमेरिकी सरकार की वेबसाइट CalFire के मुताबिक, इस आग की वजह से अब तक करीब 36 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन प्रभावित हुई है।


सबसे ज्यादा नुकसान पैलिसेड्स में हुआ है। यहां 21,317 एकड़ जमीन आग की जद में है। अब तक सिर्फ 8% आग पर ही काबू पाया जा सका है। ईटन में फैली आग से करीब 14 हजार एकड़ का इलाका जलकर खाक हो गया है। यहां 3% आग ही बुझाई जा सकी है। लीडिया में 75%, हर्स्ट में 37% और कैनेथ में 50% आग पर काबू पाया जा चुका है।


दो हजार से ज्यादा फायर फाइटर्स आग बुझाने की कोशिश में जुटे हैं। हेलिकॉप्टर और विमानों से भी आग बुझाने की कोशिश हो रही है। मगर तमाम कोशिशों के बावजूद आग बुझने की बजाय भड़कती ही जा रही है। दो दिन पहले तक आग सिर्फ पैसिलेड्स के जंगलों में थी, लेकिन अब 6 जंगल आग में जल रहे हैं।

 

Photo Credit: PTI

 

ये भी पढ़ें-- बर्फीले तूफान से ढका अमेरिका, हवाई और सड़क यातायात में लगा ब्रेक

क्यों नहीं बुझ पा रही आग?

आग न बुझने की सबसे बड़ी वजह मौसम को बताया जा रहा है। वेस्टर्न फायर चीफ एसोसिएशन के मुताबिक, कैलिफोर्निया के जंगलों में आमतौर पर जून या जुलाई में आग लगने की घटनाएं होती हैं। मगर इस बार ज्यादा तापमान और कम बारिश की वजह से जनवरी में ही आग की घटना सामने आ गई। हालांकि, 2022 में 1 बार और 2021 में 10 बार जनवरी के महीने में आग लगने की घटना सामने आई थी।


एसोसिएशन ने बताया कि क्लाइमेट चेंज की वजह से तापमान बढ़ रहा है और बारिश हो नहीं रही है, जिस कारण आग लगने की घटनाएं समय से पहले सामने आ रही हैं। साउथ कैलिफोर्निया में मई से अब तक सिर्फ 0.1 इंच बारिश ही हुई है। 


इतना ही नहीं, तूफानी हवाओं के चलते भी आग पर काबू पाने में दिक्कतें आ रहीं हैं। हवा की दिशा बार-बार बदल रही है। जमीनी इलाकों पर 130 किलोमीटर तो पहाड़ी इलाकों में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap