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नेपाल में नया अध्यादेश जारी, जेन-ज़ी को मिलेगा वोट का अधिकार 

नेपाल में जेन ज़ी को शामिल करने के लिए राष्ट्रपति ने नया अध्यादेश जारी किया है। नेपाल में 5 मार्च को चुनाव होने वाले हैं।नेपाल में जेन ज़ी को शामिल करने के लिए राष्ट्रपति ने नया अध्यादेश जारी किया है। नेपाल में 5 मार्च को चुनाव होने वाले हैं।

Ramchandra Paudel । Photo Credit: X/@RcPaudelNepal

रामचंद्र पौडेल । Photo Credit: Nepal President Office

नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने बुधवार को एक नया अध्यादेश जारी किया, जिसके तहत अब युवा मतदाताओं, खासकर जेन-ज़ी को वोटर लिस्ट में शामिल होने का मौका मिलेगा। यह अध्यादेश वोटर रोल एक्ट, 2016 में बदलाव करता है और अगले साल 5 मार्च को होने वाले चुनावों में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेगा।

 

राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, यह अध्यादेश संविधान के अनुच्छेद 114(1) के तहत मंत्रिपरिषद की सिफारिश पर जारी किया गया है। इसने वोटर लिस्ट एक्ट की धारा 4(2)(2) में बदलाव किया है, जिसमें पहले कहा गया था कि चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद कोई नया मतदाता पंजीकरण नहीं हो सकता। इस नियम की वजह से कई योग्य युवा, जो हाल ही में वोट देने की उम्र तक पहुंचे, वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हो पाए थे।

 

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सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री

नेपाल में हाल ही में सुशीला कार्की के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनी है। उन्होंने अगले साल 5 मार्च को चुनाव कराने की घोषणा की है। सुशीला कार्की, जो नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री और पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं, 12 सितंबर को इस पद पर नियुक्त हुईं।

हुआ था आंदोलन

पिछले महीने 8 और 9 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इस आंदोलन में 74 लोगों की जान गई थी। प्रदर्शनकारी, खासकर जेन-ज़ी युवाओं ने मांग की थी कि नए मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करने का मौका मिले। उनकी मांग थी कि संसद भंग की जाए और नए सिरे से चुनाव कराए जाएं।

 

इन मांगों को मानते हुए राष्ट्रपति पौडेल ने युवा प्रतिनिधियों की सलाह पर सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया। कार्की ने संसद भंग करने की सिफारिश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अब उनके पास छह महीने में संसद चुनाव कराने की जिम्मेदारी है।

क्यों जरूरी था यह अध्यादेश?  

पहले के नियम के अनुसार, अगर चुनाव की तारीख घोषित हो जाती थी, तो उसके बाद कोई नया मतदाता पंजीकरण नहीं हो सकता था। इस वजह से हजारों युवा, जो हाल ही में 18 साल के हुए, वोट डालने से वंचित हो रहे थे। इस अध्यादेश ने इस कानूनी बाधा को हटा दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग, खासकर युवा, चुनाव में हिस्सा ले सकें।

 

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वोटरों की संख्या  

चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले नेपाली साल 2081 के अंत तक 1,81,48,654 मतदाता वोटर लिस्ट में शामिल थे। नवंबर 2022 के पिछले चुनाव में 1,79,88,570 मतदाता वोट डालने के योग्य थे, जिनमें 91,40,806 पुरुष, 88,47,579 महिलाएं और 185 अन्य श्रेणी के लोग शामिल थे। अप्रैल 2025 तक यह संख्या 1,60,054 बढ़कर 1,81,48,654 हो गई।

 

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