अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को युक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में फिलिस्तीन को लेकर हुई कांफ्रेंस में अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध समाप्त करवाया था। ट्रंप ने कहा कि जब से उन्होंने जनवरी से अमेरिका की सत्ता संभाली है जब से उन्होंने अब तक कुल सात युद्धों को रुकवाया है। उन्होंने कहा कि वह इनमें से हर युद्ध को रुकवाने के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं भी मिलता है, तो भी उन्हें हजारों लोगों की जान बचाने में खुशी होगी। हालांकि, भारत सरकार ने ट्रंप के दावों को दरकिनार करते हुए उनके दावों को बेबुनियाद बताया है। बताया जा रहा है कि भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों को नजरअंदाज कर दिया इसलिए ही ट्रंप ने भारत के ऊपर टैरिफ लगाया है।
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पाकिस्तान ट्रंप के दावों से सहमत
दरअसल, पाकिस्तान पहले से ही 'भारत-पाक' युद्ध में डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के दावे से सहमत है। इसको बाद पाकिस्तान सरकार ने ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग कर चुका है। डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार कहा है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोकने के लिए व्यापार को लेकर धमकी दी थी। हालांकि, ट्रंप ने दुनिया में जितने युद्ध रुकवाने के दावे किए हैं वह इसको लेकर आंकड़े बदलते रहे हैं।
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भारत-चीन पर लगाया बड़ा आरोप
इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में दावा करते हुए कहा कि चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन में रूस को युद्ध लड़ने के लिए उसे आर्थिक मदद दे रहे हैं। बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल की खरीदने के लिए ही भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाया है, जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है। इसके साथ ही अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया टैरिफ दुनिया में सबसे अधिक है।
डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम चर्चा में अपने संबोधन में कहा, 'चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर इस युद्ध को वित्तपोषित करने वाले मुख्य देश हैं।' भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क को अनुचित बताया है। भारत ने कहा है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, वह अपने राष्ट्रीय और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करेगा।