नेपाल की राजधानी काठमांडू में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन को लेकर युवाओं का प्रदर्शन अब संसद भवन तक पहुंच गया है। सोमवार को यह आंदोलन हिंसक हो गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़पे हुई हैं। हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। नेपाल पुलिस ने बताया है कि हिंसक प्रदर्शन में अभी तक 9 लोगों की मौत हो गई है और कम से कम 42 लोग घायल भी हुए हैं।
काठमांडू में भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहा आंदोलन उस समय हिंसक हो गया जब प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़े और संसद भवन के अंदर दाखिल हो गए। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागे। इस आंदोलन को लेकर युवाओं का कहना है कि सरकार ने लोगों की आवाज को दबाने के लिए सोशल मीडिया पर बैन लगाया है।
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नेपाल पुलिस का दावा
नेपाल पुलिस की मानें तो 12 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी मौके पर मौजूद है। इन लोगों ने संसद भवन के गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा कर लिया है। इस प्रदर्शन को देखते हुए संसद भवन, राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, पीएम आवास के पास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके पास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और आर्मी की तैनाती कर दी गई है। इस पूरे इलाके में रात 10 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ सोशल मीडिया बैन को लेकर पूरे काठमांडू में प्रदर्शन हो रहे थे। सुरक्षा की लिहाज से पूरे राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया था। इसके बाद ही आंदोलन उग्र हो गया। नेपाल के इतिहास में संसद भवन में घुसने की घटना पहली बार हुई है।
इंस्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक समेत 26 साइट्स पर बैन
नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का फैसला लिया था। नेपाल सरकार का कहना है कि इन साइट्स ने देश के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information & Technology) में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। मंत्रालय ने 28 अगस्त से और 7 दिन की समय सीमा दी थी, जो 2 सितंबर को खत्म हो गई।