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अफगानिस्तान बॉर्डर बना पाकिस्तानी आतंकियों का नया ठिकाना, भारत बना वजह

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के आतंकी संगठन अपनी रणनीति के साथ-साथ अपने ठिकाने भी बदलने लगे हैं। इसके पीछे की वजह भारतीय सेनाओं की कार्रवाई है।

Pakistan major terror groups

आतंकी मसूद अजहर। Photo Credit- Social Media

दरअसल, पाकिस्तान के आतंकवादी समूह जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन, पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में अपनी गतिविधियां संचालित करने लगे हैं। ये संगठन खासतौर से अफगानिस्तान सीमा के करीब पहुंच गए हैंदोनों संगठन अपने ठिकानों को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थानांतरित कर रहे हैं

 

जैश-ए-मुहम्मद खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र के मनसेहरा में अपने प्रशिक्षण केंद्र - मरकज़ शोहदा-ए-इस्लाम - का तेजी से विस्तार कर रहा हैसैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि इसका निर्माण कार्य चल रहा हैजहां निर्माण कार्य चल रहा है वहां खाने-पीने की चीजें पहुंचाई जा रही हैं

 

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'एचएम-313' नाम से ट्रेनिंग सेंटर

दूसरी ओर, पूर्व SSG कमांडो खालिद खान की कमान में हिजबुल मुजाहिदीन, खैबर पख्तूनख्वा के बंदाई में 'एचएम-313' नाम से एक नया ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कर रहा हैहालांकि, संगठन ने ट्रेनिंग के लिए जमीन अगस्त 2024 में खरीदी थी, लेकिन वहां निर्माण मई में शुरू हो गया थातस्वीरों से पता चलता है कि चारदीवारी और शुरुआती ट्रेंनिंग सेंटर का काम पूरा हो चुका है। '313' का नाम बद्र गजवा, जो एक ऐतिहासिक इस्लामी युद्ध है के नाम पर रखा गया है

 

25 सितंबर को, जैश-ए-मोहम्मद पेशावर के मरकज़ शहीद मकसूदाबाद में यूसुफ़ अज़हर - मसूद अज़हर का भाई, जो ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था- की याद में एक भर्ती अभियान की योजना बना रहा हैयहीं पर संगठन के लिए एक नए उपनाम- अल-मुराबितुन (इस्लाम की धरती के रक्षक) की घोषणा की जाएगी, जो पश्चिमी अफ्रीका के अल-कायदा समूह जैसा होगा

 

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रणनीतिक फैसले के तहत निर्माण

इन ट्रेनिंग सेंटरों को पेशावर से खैबर पख्तूनख्वा में स्थानांतरित करने का फैसला दोनों आतंकी समूहों ने एक रणनीतिक फैसले के बाद किया हैदोनों समूहों को लगता है कि अफगानिस्तान बॉर्डर पर आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग सेंटर बनाकर इसे भारत के सटीक हमलों से बचाया जा सकता है

 

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां आतंकियों के लिए ट्रेनिंग सेंटर संचालित करना पाकिस्तान के लिए सुरक्षित होगाखुफिया जानकारी में बताया गया है कि ये गतिविधियां पाकिस्तान सरकार की पूरी जानकारी और मदद से संचालित की जा रही हैं

 

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक रियर कमांड जोन के रूप में फिर से स्थापित किया जा रहा हैइसके अलावा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसपैठ के लिए आतंकी गतिविधियां पहले की तरह ही चल रही हैं

 

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