राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ फोन पर बातचीत की है। ट्रंप ने बताया कि इस बातचीत में कई मुद्दे शामिल है। इसमें से एक अमेरिका में लंबे समय से लंबित टिक टॉक डील को मंजूरी मिल गई है। ट्रंप ने कहा कि वे अगले साल की शुरूआत में शी जिनपिंग से मिलने की योजना बना रहे हैं। यह बातचीत जून 2025 के बाद से ट्रंप और शी के बीच पहली बातचीत थी। इससे पहले हुई बातचीत व्यापार पर केंद्रित थी जो कि लगभग 90 मिनट तक चली थी।
ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया जिसमें कहा, 'टिक टॉक की मंजूरी की सराहना करते हैं पर किसी भी तरह के अंतिम डील की घोषणा करने से पहले ही रुक गए। जैसी कि उम्मीद थी, दुनिया के दो बड़े अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का भी जिक्र हुआ।'
यह भी पढ़ें- H-1B वीजा महंगा हुआ, डोनाल्ड ट्रंप के नए फैसले की पूरी कहानी
डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा, 'मैंने अभी-अभी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक बेहद जरूरी बातचीत पूरी की है। हम व्यापार, फ़ेंटेनाइल, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म करने की जरूरत और टिक टॉक डील को मंजूरी सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आगे बढ़े हैं।'
शी और डोनाल्ड की मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि दोनों इस बात पर मान गए हैं कि 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दक्षिण कोरिया में होने वाले APEC शिखर सम्मेलन में मिलेंगे। ट्रंप अगले साल की शुरुआत में चीन जाएंगे और शी जिनपिंग बाद में अमेरिका आएंगे।
चीनी मीडिया ने की पुष्टि
चीन की सरकारी मीडिया की ओर से कहा गया कि दोनों देशों के नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ में छपे लेख के अनुसार, शी जिनपिंग ने कहा कि अमेरिका को 'कई दौर की बातचीत के माध्यम से होने वाले परिणामों को कमजोर होने से बचाने के लिए' प्रतिबंधात्मक व्यापार उपाय करने से बचना चाहिए।
यह भी पढ़ें- रूसी जेट एस्टोनिया की हवाई सीमा में घुसा, NATO एयरस्पेस का फिर उल्लंघन
टिक टॉक के बारे में, शी जिनपिंग ने कहा कि चीनी सरकार 'कंपनियों की इच्छा का सम्मान करती है और कंपनियों को बाजार के नियमों के आधार पर व्यावसायिक बातचीत करते हुए और चीनी कानूनों और नियमों के अनुसार समाधान निकालते हुए देखकर खुशी होती है।'
चीन की ओर से ऐसी उम्मीद जताई गई कि अमेरिका, अपने देश में इन्वेस्ट करने वाली चीनी कंपनियों के लिए एक खुला, निष्पक्ष और बिना किसी भेदभाव के कारोबारी माहौल मुहैया कराएगा।
कई मुद्दे अभी भी अनसुलझे
इस बातचीत में व्यापक व्यापार मुद्दों पर भी चर्चा हुई। जनवरी में राष्ट्रपति पद पर लौटने के बाद से, ट्रंप ने चीनी सामानों पर टैरिफ तेजी से बढ़ाया है। इसके जवाब में बीजिंग ने भी अपने कदम उठाए हैं। कई महीनों तक चली बातचीत के बावजूद, कई बातों पर अभी भी चर्चा होना बाकी है। इनमें सेमीकंडक्टर तकनीक तक चीन की पहुंच के साथ धरती पर पाए जाने वाले दुर्लभ चीजों के निर्यात अमेरिका की चिंता में शामिल है। ट्रंप प्रशासन की ओर से यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि दोनों देशों की बातचीत में अमेरिका का पलड़ा भारी है। जबकि चीन टैरिफ और प्रतिबंधों से राहत की मांग कर रहा है।