सोमवार को पाकिस्तान में हजारों प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में भारी हिंसा हुई। इस दौरान एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता मुबाशिर हुसैन ने बताया कि एक पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) और तीन टीएलपी (तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान) सदस्यों की मौत हुई।
फिलिस्तीन और गाजा के समर्थन में टीएलपी ने शुक्रवार को लाहौर से लेकर इस्लामाबाद तक मार्च शुरू किया था। प्रदर्शनकारियों का मकसद इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन करना था। लेकिन पुलिस ने इसे रोकने के लिए बल प्रयोग और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इसके चलते लाहौर और इस्लामाबाद के आसपास कई सड़कें और मोटरवे फिर से बंद कर दिए गए। इस्लामाबाद में हिंसा की आशंका के कारण कुछ स्कूलों को समय से पहले बंद करना पड़ा।
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साद रिजवी को लगी गोली
स्थानीय मीडिया के अनुसार, टीएलपी प्रमुख हाफिज साद हुसैन रिजवी को कई गोलियां लगीं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। टीएलपी का दावा है कि इस हिंसा में उनके 250 से ज्यादा कार्यकर्ता मारे गए और 1,500 से अधिक घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
लाहौर के शाहदरा इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस सेंटर पर हमला किया, वाहनों को लूटा और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। कई पुलिसकर्मी लापता बताए जा रहे हैं, और आशंका है कि उन्हें अगवा किया गया हो। रिजवी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर घातक हथियारों का इस्तेमाल किया। हालांकि, उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और पार्टी से सलाह के बाद ही अगला कदम उठाने की बात कही।
शहबाज ने की मीटिंग
पाकिस्तान पुलिस ने टीएलपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। साहिवाल डिवीजन के तीन जिलों में रातभर छापेमारी की गई, जिसमें कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया गया। इन लोगों को पकपट्टन, साहिवाल और ओकारा की जेलों में भेजा गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्री मोहसिन नकवी के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। मार्च को इस्लामाबाद पहुंचने से रोकने के लिए पंजाब में 1,200 से अधिक अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।
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क्या है टीएलपी
टीएलपी एक कट्टर धार्मिक संगठन है, जिसे 2021 में हिंसक प्रदर्शनों और रिजवी की गिरफ्तारी के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में यह प्रतिबंध हटा लिया गया। इस बार का 'गाजा मार्च’ शुक्रवार को लाहौर में टीएलपी मुख्यालय पर नमाज के बाद शुरू हुआ था। हजारों समर्थक लाठियां, डंडे और ईंटें लेकर धार्मिक नारे लगाते हुए मार्च में शामिल हुए।
रिजवी ने कहा कि यह मार्च फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए था और पाकिस्तान को इजरायल को मान्यता नहीं देनी चाहिए। हिंसा के बावजूद, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।