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फिलिस्तीन ने मांगी ब्रिक्स की सदस्यता, चीन ने कौन सा दांव चल दिया?

दुनियाभर में फिलिस्तीन की मान्यता बढ़ती जा रही है। इस बीच उसने ब्रिक्स की सदस्या का आवेदन किया है। अभी तक फिलिस्तीन बतौर गेस्ट संगठन की मीटिंग में शामिल होता रहा है।

Palestine News.

फिलिस्तीन ने मांगी ब्रिक्स की सदस्यता। (Photo Credit: PTI)

गाजा युद्ध के बाद फिलिस्तीन ने बड़ा दांव चला है। उसने ब्रिक्स की पूर्ण सदस्यता का आवेदन किया। हाल ही में फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को मान्यता दी है। इस बीच उसका यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। शुक्रवार को रूस में फिलिस्तीनी राजदूत अब्देल हाफिज नोफाल ने बताया कि फिलिस्तीन ने पूर्ण सदस्यता का आवेदन किया है। अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। गेस्ट के तौर पर वह ब्रिक्स में हिस्सा लेता रहेगा।

 

साल 2006 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने ब्रिक की स्थापना की। पांच साल बाद 2011 में दक्षिण अफ्रीका इससे जुड़ा। तब संगठन का नाम ब्रिक से बदलकर ब्रिक्स बन गया। पिछले साल मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया और ईरान इसके सदस्य बने। इसी साल इंडोनेशिया को ब्रिक्स में शामिल किया गया। बता दें कि ब्रिक्स के साझेदार देशों में बेलारूस, बोलीविया, क्यूबा, ​​कजाकिस्तान, मलेशिया, नाइजीरिया, थाईलैंड, युगांडा, उज्बेकिस्तान और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।

 

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रूसी समाचार एजेंसी आरआईए से फिलिस्तीन के राजदूत अब्देल हाफिज नोफाल ने बातचीत की। उन्होंने कहा, 'आप जानते हैं कि फिलिस्तीन की कुछ शर्तें हैं। मेरा मानना ​​है कि जब तक ये शर्तें हमें पूर्ण सदस्य बनने की अनुमति नहीं देतीं तब तक फिलिस्तीन एक गेस्ट के रूप में संगठन में भाग लेगा। अभी तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है।

 

चीन खुलकर फिलिस्तीन के समर्थन में उतर आया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, 'हम ब्रिक्स सहयोग में शामिल होने वाले अधिक समान विचारधारा के भागीदारों का स्वागत करते हैं और अधिक न्यायसंगत व समतापूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए संयुक्त रूप से काम करते हैं। 

 

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चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा कि ब्रिक्स उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए एक अहम मंच है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बहुध्रुवीयता और व्यापक लोकतंत्र के लिए मजबूत प्रेरणा का जरिया। इस मंच को वैश्विक दक्षिण के देशों से व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है।

बढ़ रही फिलिस्तीन को मान्यता देने वालों की संख्या

हाल ही में फ्रांस, मोनाको, माल्टा, लक्जमबर्ग और बेल्जियम ने फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता दी है। उससे पहले कनाडा, यूके, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया भी ऐसा कर चुके हैं। गाजा में हमास और इजरायल के युद्ध के बीच मैक्सिको, आर्मेनिया, स्लोवेनिया, आयरलैंड, नॉर्वे, स्पेन, बहामास, त्रिनिदाद और टोबैगो, जमैका और बारबाडोस ने फिलिस्तीन को मान्यता दी थी।

 

 

 

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