5 रुपये वाला पारले-G बिस्किट गाजा में 2500 रुपये में क्यों बिक रहा है?
गाजा में इस वक्त हालात बेहद खराब हैं। लोग गंभीर भुखमरी झेल रहे हैं। इसी बीच भारत का पारले-जी बिस्किट वहां 2000 रुपये से भी ज्यादा में बिक रहा है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

पार्ले जी बिस्किट खाती बच्ची, Photo Credit: X/ @Mo7ammed_jawad6
पारले-जी भारत का सबसे फेमस और हर घर में मिलने वाला बिस्किट है, जो कई दूसरे देशों में भी खाया जाता है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक फिलिस्तीनी पिता अपनी बेटी को पारले-जी का पैकेट देते नजर आ रहा है। यह वीडियो ऐसे वक्त पर सामने आया है जब गाजा में खाने-पीने की भारी किल्लत है और इजरायल-फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। भारतीय मार्केट में जो बिस्किट आमतौर पर 5 से 10 रुपये में मिलते हैं, वो गाजा में चल रहे संकट की वजह से 2,300 रपये से भी ज्यादा में बिक रहे है। ऐसे में जानेंगे कि गाजा में पारले-जी जैसी चीजें इतनी महंगी क्यों बिक रही हैं?
फिलिस्तीनी पिता अपनी बेटी को खिला रहा पारले-जी
गाजा के मोहम्मद जवाद ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह अपनी बेटी रफीफ को पारले-जी बिस्किट देते नजर आ रहे हैं जो उसकी सबसे पसंदीदा बिस्किट है। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, 'काफी वक्त के बाद आज रफीफ को उसका पसंदीदा पारले-जी बिस्किट दिला पाया। कीमत पहले €1.5 थी (147 रुपये), अब बढ़कर €24 (2,347 रुपये) हो गई है लेकिन बेटी की खुशी के आगे यह सब मायने नहीं रखता।' यह वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों को भावुक कर रहा है।
पारले-जी बिस्किट, जो भारत में बहुत पसंद किया जाता है, अब गाजा में मिलना बहुत मुश्किल हो गया है क्योंकि वहां खाने-पीने की भारी कमी चल रही है। जो बिस्किट आमतौर पर सिर्फ 5 या 10 रुपये में मिलता है, वो अब वहां करीब 2,342 रुपये में बिक रहा है।
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After a long wait, I finally got Ravif her favorite biscuits today. Even though the price jumped from €1.5 to over €24, I just couldn’t deny Rafif her favorite treat. pic.twitter.com/O1dbfWHVTF
— Mohammed jawad 🇵🇸 (@Mo7ammed_jawad6) June 1, 2025
पारले-जी का दाम सुनकर लोग रह गए हैरान
भारत में पारले-जी तो हर किसी का पसंदीदा और सस्ता बिस्किट माना जाता है लेकिन जब लोगों ने इसकी विदेश में इतनी ऊंची कीमत देखी, तो सब चौंक गए। एक यूजर ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को टैग करते हुए लिखा, 'देखिए, एक बच्चा भारत का प्यारा पारले-जी खा रहा है। मुझे पता है कि हम युद्ध को लेकर तटस्थ हैं लेकिन क्या हम फिलिस्तीन को और पारले-जी भेज सकते हैं? यह छोटे बिस्किट वहां के आम लोगों को राहत देने में मदद करेंगे।'
एक और यूजर ने लिखा, 'रफीफ को जितने चाहे उतने बिस्किट मिलने चाहिए, भगवान करे उसका परिवार महफूज रहे।' वहीं किसी ने सवाल उठाया, 'अगर ये बिस्किट मदद के लिए भेजे गए थे, तो यह ब्लैक मार्केट में बिक कैसे रहे हैं?' अब सोचने वाली बात यह है कि आखिर इतना सादा और आम बिस्किट अचानक इतना महंगा कैसे हो गया? और जो चीजें राहत के तौर पर भेजी जाती हैं, वो गाजा के काले बाजार में पहुंच कैसे जाती हैं?
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पारले-जी 2,300 रुपये से ज्यादा में क्यों बिक रहा है?
गाजा में पारले-जी बिस्किट की कीमत 2,300 रुपये से ज्यादा इसलिए हो गई है क्योंकि वहां खाने-पीने की चीजों की भारी कमी है और बहुत लूटपाट हो रही है। वैसे तो यह बिस्किट आमतौर पर मदद के तौर पर भेजे जाते हैं और इन्हें मुफ्त में लोगों में बांटना चाहिए लेकिन हकीकत में बहुत कम लोगों को यह मिल पाते हैं। क्योंकि यह सामान बहुत कम लोगों तक पहुंचता है, इसलिए यह बेहद कीमती हो जाते हैं।
इसके चलते कुछ लोग इन्हें काले बाजार में बहुत ऊंचे दामों पर बेचते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में दिख रहे पारले-जी के यह पैकेट 'एक्सपोर्ट पैक' होते हैं और उन पर कोई प्राइस टैग नहीं होता। यानी यह सामान शायद किसी मानवीय सहायता शिपमेंट के जरिए गाजा पहुंचा हो और बाद में कुछ दुकानदारों ने इन्हें खरीदकर मुनाफा कमाने के लिए बेचना शुरू कर दिया हो। यही वजह है कि इनकी कीमत आम लोगों की पहुंच से बहुत बाहर हो गई है।
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गाजा में मानवता का संकट
गाजा में करीब 20 लाख लोग अब पूरी तरह से बाहर से मिलने वाली मदद पर निर्भर हो गए हैं। इसकी वजह है इजरायल का हमला, जिसने गाजा की खेती और खाने-पीने का खुद का इंतजाम करने की ताकत छीन ली है। 2 मार्च को इजरायल ने गाज़ा में जाने वाली जरूरी चीजों पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी लेकिन दुनिया भर से दबाव पड़ने और भुखमरी की चेतावनियों के बाद, पिछले महीने के आखिर में थोड़ी-बहुत मदद फिर से भेजी जाने लगी।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि गाजा में जरूरतें बहुत ज्यादा हैं और जो मदद पहुंच रही है, वो बहुत कम है। इधर, इजरायल का कहना है कि गाजा पर काबिज हमास नाम का समूह इस मदद का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहा है। इसी शक की वजह से इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आने वाली आम खाने-पीने की चीजों को भी रोक दिया था।
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