युद्ध के मुहाने पर खड़ा पाकिस्तान अपने देश में ही सुरक्षित नहीं है। मंगलवार को अशांत प्रांत बलूचिस्तान में एक आईईडी ब्लास्ट में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। पाकिस्तानी सैनिकों पर बम से यह हमला बलूचिस्तान में एक अलगाववादी उग्रवादी ग्रुप ने किया है। इससे पहले उग्रवादी ग्रुप ने बलूचिस्तान में ही जेल वैन पर हमला कर दिया था, जिसमें पांच पुलिस अधिकारियों को बंधक बना लिया गया था।
पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में बताया कि हमलावरों ने इलाके में कई सरकारी इमारतों और एक बैंक में भी आग लगा दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया।
पुलिस अधिकारियों को अगवा किया
पाकिस्तान के एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बलूचिस्तान प्रांत में 30 से 40 सशस्त्र आतंकवादियों ने एक प्रमुख राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। इसी दौरान पुलिस की वैन रास्ते में ही रूक गई और मौका पाकर उग्रवादियों ने अधिकारियों को अगवा कर लिया।
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बंधक बनाकर कैदियों को रिहा किया
एएफपी समाचार एजेंसी ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि बाद में वैन को बंधक बनाकर कैदियों को रिहा कर दिया गया लेकिन पांच पुलिस अधिकारियों का अपहरण कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों को बचाने का अभियान अभी चल रहा है।
अलगाववादी विद्रोह से जूझ रहा पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान लंबे समय से बलूचिस्तान में अलगाववादी विद्रोह से जूझ रहा है। बलूचिस्तान अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगा हुआ खनिजों से संपन्न प्रांत है। अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए बलूचिस्तान के उग्रवादी समूह अक्सर पाकिस्तान के सरकारी कर्मियों, विदेशी नागरिकों और दूसरे क्षेत्रों से आए लोगों को निशाना बनाते हैं।
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इस क्षेत्र में सबसे सक्रिय अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने कलात जिले में हुए हालिया हमले की जिम्मेदारी ली है। बीएलए ने पहले भी विदेशी निवेश वाली बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं को निशाना बनाया है। बीएलए ने खास तौर पर चीन द्वारा समर्थित परियोजनाओं को निशाना बनाया है।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने ही इसी साल मार्च में बलूचिस्तान में एक पाकिस्तानी यात्री ट्रेन को हाईजैक कर लिया था। बीएलए ने ट्रेन में सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था और तीन दिनों के गतिरोध के दौरान सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी।