अमेरिका में पुलिस वाले ने एक भारतीय नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना कैलिफोर्निया की है। यह सारा विवाद पड़ोसी के साथ हुए झगड़े के बाद शुरू हुआ था। पड़ोसी ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने हाथ आगे करने को कहा तो भारतीय ने मना कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई। अब परिवार ने विदेश मंत्री जयशंकर ने उसके शव को भारत लाने में मदद करने की अपील की है।
जिसकी मौत हुई है, उसका नाम मोहम्मद निजामुद्दीन है और वह 30 साल का था। वह अमेरिका में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था। परिवार ने बताया कि निजामुद्दीन 2016 में हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका चला गया था। पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कंपनी में काम कर रहा था। वह कैलिफोर्निया में किराये के मकान में कुछ लोगों के साथ रहता था।
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एसी को लेकर हो गया था झगड़ा
निजामुद्दीन के एक रिश्तेदार ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि एसी को लेकर पड़ोसी के साथ झगड़ा हो गया था। बात इतनी बढ़ गई कि चाकूबाजी तक हुई। इसके बाद पड़ोसी ने पुलिस को बुला लिया।
रिश्तेदार ने बताया, 'जब पुलिस कमरे में दाखिल हुई तो उन्होंने कमरे में मौजूद लोगों से हाथ दिखाने को कहा। एक लड़के ने हाथ दिखाए लेकिन निजामुद्दीन ने नहीं दिखाए। इसके बाद पुलिस ने चार राउंड फायरिंग की और इससे उसे गोली लग गई।' उन्होंने कहा कि 'यह बेहद अफसोस की बात है कि कोई जांच नहीं हुई और गोलीबारी इतनी जल्दी हो गई।'
अब परिवार निजामुद्दीन का शव भारत में लाने की कोशिश कर रहा है। परिवार वालों का कहना है कि शव को महबूबनगर लाने में तेलंगाना सरकार से भी मदद करने की अपील कर रहे हैं। परिवार वालों ने विदेश मंत्री जयशंकर को भी चिट्ठी लिखी है और मदद मांगी है।
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3 सितंबर की है यह घटना
निजामुद्दीन की मौत 3 सितंबर को हो गई थी। उनके दोस्त ने उनके परिवार को इसकी जानकारी दी। निजामुद्दीन के पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि उसके दोस्त से उन्हें पता चला कि यह घटना 3 सितंबर को हुई थी।
उन्होंने बताया कि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार उनके बेटे का मामूली बात को लेकर रूममेट के साथ झगड़ा हो गया था।
हसनुद्दीन ने केंद्र सरकार से अपने बेटे का शव घर वापस लाने में मदद की गुहार लगाई है। विदेश मंत्री एस. जयशकंर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, 'आज सुबह मुझे पता चला कि निजामुद्दीन को सांता क्लारा पुलिस ने गोली मार दी है और उसका शव सांता क्लारा के किसी अस्पताल में है। मुझे नहीं पता कि पुलिस ने उसे गोली क्यों मारी।'