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चीनियों से रोमाटिंग, सेक्शुअल रिश्ते न बनाएं कर्मचारी, US ने लगाई रोक

अमेरिकी सरकार ने चीन में तैनात अपने अफसरों को वहां के लोगों के साथ रोमांटिक या सेक्शुअल रिलेशन में आने पर रोक लगा दी है। मगर ऐसा क्यों किया गया? जानते हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Genrated Image)

अमेरिकी सरकार ने चीन में काम कर रहे अमेरिका के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों को सलाह दी गई है कि वे चीन के किसी भी व्यक्ति के साथ न तो रोमांटिक रिलेशनशिप में रहें और न ही सेक्शुअल रिलेशन बनाएं।


इससे पहले भी कई अमेरिकी एजेंसियां अपने कर्मचारियों के लिए इस तरह की एडवाइजरी जारी कर चुकी हैं। पिछले साल चीन में स्थित अमेरिकी दूतावास और कॉन्सुलेट में काम करने वाले अमेरिकी कर्मचारियों के चीनी लोगों के साथ रोमांटिक या सेक्शुअल रिलेशन बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।


हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस प्रतिबंध को चीन में काम करने वाले सभी अमेरिकी कर्मचारियों पर लागू कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी AP ने बताया है कि अमेरिकी सरकार ने इस पॉलिसी को जनवरी में ही लागू कर दिया था।


अमेरिकी सरकार की नई पॉलिसी बीजिंग में बने अमेरिकी दूतावास के साथ-साथ गुआंगझोउ, शंघाई, शेनयांग और वुहान में स्थित कॉन्सुलेट में काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होगी। इसके साथ ही हॉन्गकॉन्ग में स्थित अमेरिकी कॉन्सुलेट के कर्मचारियों पर भी यह प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि, चीन के अलावा किसी और देश में काम करने वाले अमेरिकी कर्मचारियों पर ऐसे रिलेशन में आने पर कोई रोक नहीं है।

 

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मगर ऐसा प्रतिबंध क्यों?

चीन में काम करने वाले अमेरिकी कर्मचारियों पर पहले चीनियों के साथ रोमांटिक या सेक्शुअल रिलेशनशिप में आने पर मनाही नहीं थी। हालांकि, अगर कोई अमेरिकी कर्मचारी किसी चीनी व्यक्ति के साथ संपर्क में होता था तो उसकी जानकारी देनी पड़ती थी लेकिन रोमांटिक या सेक्शुअल रिलेशनशिप पर रोक नहीं थी।


हालांकि, अब रोमांटिक या सेक्शुअल रिलेशन बनाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी सरकार का मानना है कि चीन उसके सीक्रेट निकलवाने के लिए हनीट्रैप का सहारा ले रहा है। अमेरिका की खुफिया एजेंसियों का कहना है कि सीक्रेट का पता लगाने और अमेरिकी डिप्लोमैट्स को लुभाने के लिए चीन खूबसूरत महिलाओं को उनके पास भेजता था और हनीट्रैप में फंसाता था।

 

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पिछले साल आया था ऐसा ही केस

पिछले साल सितंबर में लिंडा सन नाम की महिला को न्यूयॉर्क से गिरफ्तार किया गया था। लिंडा सन पर चीन के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप है। 


अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स का कहना है कि लिंडा सन कथित तौर पर चीनी एजेंट के तौर पर काम कर रही थी और उसने सीक्रेट जानकारी हासिल करने के लिए एक अमेरिकी अधिकारी को निशाना बनाया था। अमेरिकी सरकार ने लिंडा सन और उसके पति क्रिस हू पर कई आरोप लगाए हैं।


CIA के पूर्व एनालिस्ट और वॉशिंगटन के थिंक टैंक जेम्सटाउन फाउंडेशन के अध्यक्ष पीटर मैटिस ने AP को बताया है कि हालिया सालों में कम से कम ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जिनमें चीनी एजेंटों ने चीन में तैनात अमेरिकी डिप्लोमैट्स को हनीट्रैप के जाल में फंसाया था। हालांकि, उन्होंने इन मामलों की जानकारी देने से मना कर दिया।

 

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कोल्ड वॉर के दौरान आम थी ऐसी रोक

दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब अमेरिका और सोवियत संघ (अब रूस) के बीच कोल्ड वॉर शुरू हुआ तो अपने कर्मचारियों पर इस तरह के रिलेशन में आने पर रोक लगाना आम थी।


कोल्ड वॉर के समय चीन के साथ-साथ रूस और क्यूबा जैसे देशों में डिप्लोमैट्स को हनीट्रेप में फंसाकर खुफिया जानकारी निकाली जाती थी। दस्तावेजों से पता चलता है कि 1987 में अमेरिकी सरकार ने चीन और सोवियत संघ में तैनात अमेरिकी डिप्लोमैट्स पर स्थानीय लोगों के साथ डेटिंग करने या सेक्शुअल रिलेशन बनाने से रोक दिया था। उस समय एक अमेरिकी अफसर को सोवियत जासूस ने अपने जाल में फंसा लिया था। हालांकि, 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद इस तरह की रोक हटा ली गई थी।


हालांकि, हनीट्रेप के जाल में फंसाकर खुफिया जानकारी निकालना अब भी आम है। चीन ने भी विदेशों में तैनात अपने कर्मचारियों पर इस तरह की रोक लगाकर रखी है। इसके अलावा, चीन इससे बचने के लिए बहुत ज्यादा लंबे समय तक अपने डिप्लोमैट्स का ट्रांसफर भी करता रहा है।

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