अमेरिकी विदेशी विभाग ने बांग्लादेश के चट्टोग्राम हिल ट्रैक्ट्स क्षेत्र के लिए लेवल 4 डू नॉट ट्रैवल (यात्रा न करें) की चेतावनी जारी की। इसमें हिंसा, आतंकवाद और अपहरण के बढ़ते खतरे का हवाला दिया गया है। यह चेतवानी दिनाजपुर में एक प्रमुख हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और हत्या के ठीक बाद आई, जिसने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा को उजागर किया। 17 अप्रैल को भाबेश को उनके घर से अपहरण कर लिया गया था। गवाहों ने बताया कि रॉय को नराबारी गांव ले जाया गया, जहां उनकी बेरहमी से पिटाई की गई। उसी शाम, अपहरणकर्ताओं ने रॉय के बेहोश शरीर को एक वैन में उनके घर वापस छोड़ दिया। परिवार और स्थानीय लोगों ने उन्हें बिराल उपजिला स्वास्थ्य परिसर ले गए और बाद में उन्हें दिनाजपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रांसफर किया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
बिराल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अब्दुस साबुर ने बताया कि एक मामला दर्ज करने की तैयारी चल रही है और संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस काम कर रही है। रॉय की पत्नी शांतना रॉय ने दावा किया कि वह 2 हमलावरों को पहचान सकती हैं, जिससे जांच में मदद मिल सकती है।
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अमेरिका की चेतावनी
अमेरिकी विदेश विभाग ने इन क्षेत्रों में सांप्रदायिक अशांति, आतंकवाद और राजनीतिक हिंसा से जुड़ी पिछली घटनाओं का उल्लेख किया। सख्त निर्देश में कहा गया कि किसी भी कारण से इन क्षेत्रों की यात्रा न करें, बांग्लादेश के गृह मंत्रालय से पूर्व मंजूरी के बिना अमेरिकी सरकार के कर्मी हिंसा वाले क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति कैसी?
अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़ गए है। ढाका स्थित मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलिश केंद्र (AsK) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में 147 घटनाओं में हिंदू घरों, मंदिरों, और व्यवसायों को निशाना बनाया गया। 408 घरों को तोड़ा गया, जिनमें 36 आगजनी की घटनाएं शामिल हैं। 113 व्यवसायों और 92 मंदिरों में मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया गया। 32 मंदिरों और अहमदिया समुदाय की मस्जिदों पर हमले हुए।
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भाबेश की हत्या पर भारत ने क्या कहा?
भारत ने भाबेश चंद्र रॉय की हत्या की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, 'हम बांग्लादेश से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और पिछले हमलावरों को सजा देने की मांग करते हैं।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2025 में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान यूनुस के साथ मुलाकात में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। भारत ने बांग्लादेश के अधिकारियों के पश्चिम बंगाल में हिंसा पर टिप्पणी को खारिज करते हुए ढाका से अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान देने को कहा।