अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंबे समय से चर्चा में चल रहे ट्रंप गोल्ड कार्ड को लॉन्च कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार (10 नवंबर) को इस गोल्ड कार्ड को लॉन्च किया और बताया कि कुछ ही समय में यह वेबसाइट लाइव हो जाएगी। ट्रंप गोल्ड कार्ड ग्रीन कार्ड का बेहतर ऑप्शन है, जिससे अमेरिका में स्थायी रूप से रहने की सुविधा मिलेगी और नागरिकता मिलने का रास्ता आसान होगा। ट्रंप ने बताया कि इस योजना से मिलने वाला सारा पैसा सरकारी खजाने में जाएगा। इस कार्ड का मकसद अमीर लोगों को अमेरिका में निवेश के लिए आकर्षित करना है। ट्रंप ने इसे योग्य और वेरिफाइड लोगों के लिए नागरिकता का सीधा रास्ता बताया है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'अमेरिकी सरकार का ट्रंप गोल्ड कार्ड आज आ गया है। यह सभी योग्य और वेरिफाइड लोगों के लिए नागरिकता का सीधा रास्ता है। हमारी महान अमेरिकी कंपनियां आखिरकार अपने अनमोल टैलेंट को अपने पास रख पाएंगी। लाइव साइट 30 मिनट में खुलेगी।' यह घोषणा उस समय आई है जब अमेरिका में हाई-स्किल्ड वर्कर्स की भारी मांग है और टेक कंपनियां लंबे समय से आसान इमिग्रेशन प्रक्रिया की मांग कर रही थीं।
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क्या है ट्रंप गोल्ड कार्ड?
गोल्ड कार्ड अमेरिका का एक स्पेशल वीजा है, जो अमीर लोगों को देश में हमेशा के लिए रहने और बाद में अमेरिकी नागरिक बनने का आसान रास्ता देता है। पुराने EB-5 प्रोग्राम में तो बिजनेस में पैसा लगाना पड़ता था, जिससे नौकरियां भी बनें लेकिन गोल्ड कार्ड में यह झंझट नहीं है। इसमें तो बस आपको अमेरिकी सरकार को 10 लाख डॉलर (करीब 8.4 करोड़ रुपये) की एक फीस एक बार देनी होती है। इससे वीजा प्रोसेस तेज हो जाता है, बैकग्राउंड चेक होता है और अप्रूवल मिलते ही गोल्ड कार्ड मिल जाता है जो अमेरिका के सभी 50 राज्यों में वैध है। गोल्ड कार्ड के साथ व्यक्ति अमेरिका के किसी भी हिस्से में रह सकता है। ट्रंप ने इसे 'अमेरिका फर्स्ट' पॉलिसी का हिस्सा बनाया है ताकि सिर्फ हाई-वैल्यू लोग आएं। कंपनियां इसका इस्तेमाल करके अपने कर्मचारियों को विदेश से अमेरिका में ला सकेंगी।
गोल्ड कार्ड से पैसा कमाएगा अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि गोल्ड कार्ड से स्किल्ड वर्कर अमेरिका में आएंगे। इसके साथ ही गोल्ड कार्ड से अमेरिका के खजाने में अरबों डॉलर का राजस्व आएगा। यह पैसा सीधे संघ सरकार के खाते (US ट्रेजरी) में आएगा, जिससे अमेरिका को बड़ी आर्थिक मदद मिलेगी। इन कार्ड्स को खरीदने के लिए कंपनियों को एक बार ही पेमेंट करना होगा।
भारत के लिए मौका?
ट्रंप ने अपने करीब एक साल के कार्यकाल में इमीग्रेशन को लेकर कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसका असर भारत पर भी पड़ा है। कई भारतीय छात्रों को ट्रंप की नीतियों की वजह से परेशान होना पड़ा है। भारत से लाखों छात्र और प्रोफेशनल्स अमेरिका में जाते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प की इस योजना का इस्तेमाल वे कंपनियां कर सकती हैं, जिन्हें भारतीय प्रतिभाशाली छात्रों को अपनी कंपनी के लिए रिटेन करना हो। अमेरिका का गोल्ड कार्ड EB-5 वीजा की जगह ले सकता है। इसके लिए अब उन छात्रों और पेशेवरों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिनकी कंपनियां या वे खुद यह राशि अदा करने में सक्षम हैं।
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इंटरनेशनल मार्केट पर पड़ेगा असर
ट्रंप का यह गोल्ड कार्ड अमीरों के लिए और उन कंपनियों के लिए अच्छा है जो पैसा देकर कर्मचारियों को अमेरिका में लाने के लिए तैयार हैं। ट्रंप के इस प्लान की आलोचना भी हो रही है और इसे अमीरों के लिए लाई गई योजना बताया जा रहा है। इसका असर अमेरिका के साथ-साथ इंटरनेशनल मार्केट पर भी पड़ सकता है। अमेरिका में स्थित कंपनियां विदेशी टैलेंट को तेजी से हायर कर पाएंगी। इसके साथ ही भारत और चीन जैसे देशों से टैलेंट अमेरिका में जा सकता है। वहीं, अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण कनाडा जैसे देशों को मिलने वाला ब्रेन-ड्रेन का फायदा अब उन्हें नहीं मिल पाएगा।