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ट्रंप पर भारी पड़ रहा शटडाउन, हर हफ्ते 15 बिलियन डॉलर का नुकसान

अमेरिका को सरकारी शटडाउन भारी पड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक हर हफ्ते करीब 15 बिलियन डॉलर का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। अगर शटडाउन अधिक दिनों तक जारी रहा तो लोगों को और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

US President Donald Trump.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।

अमेरिकी सरकार का शटडाउन एक अक्टूबर से जारी है। इतिहास का सबसे अधिक दिनों तक चलने वाला शटडाउन बन गया है। अभी तक रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच सहमत नहीं बनी है। इससे शटडाउन और लंबा खींच सकता है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर शटडाउन का बुरा असर भी दिखने लगा है। एयरलाइंस कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रही हैं। संघीय उड्डयन प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार से 40 एयरपोर्ट पर उड़ानों को कम कर दिया जाएगा। यह चेतावनी भी दी कि अगर शटडाउन बढ़ता है तो फ्लाइट कैंसिल होने के मामलों में इजाफा होगा।

 

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने दावा किया कि शटडाउन से रोजाना 15 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। अब एक अन्य वित्त अधिकारी ने बेसेंट के बयान को दुरुस्त किया और कहा कि शटडाउन से अमेरिका को हर हफ्ते 15 बिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। यह दावा व्हाइट हाउस की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है।

 

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अमेरिकी वित्त मंत्री बेसेंट का दावा है कि देश में मांग दबी है। मगर ट्रंप ने अपनी नीतियों से इसमें तेजी बना रखी है। ट्रंप के टैरिफ और रिपब्लिकन के टैक्स कानून की वजह से तेजी बनी रहेगी। हालांकि शटडाउन का इस पर असर पड़ रहा है। उधर, संघीय उड्डयन प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार से 40 मुख्य एयरपोर्ट पर 10 प्रतिशत फ्लाइट की कमी की जाएगी। उड्डयन प्रशासन कर्मचारियों की कमी झेल रहा है।

 

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शटडाउन बढ़ा तो मुश्किलें भी बढ़ेंगी

अमेरिका में एक अक्टूबर से सरकार का शटडाउन जारी है। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच फंडिंग पर सहमति नहीं बन पाई है। डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य बीमा टैक्स क्रेडिट को रिन्यूअल करने और मेडिकेट में कटौती को वापस लेने पर अड़े हैं। आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल करीब 7,30,000 संघीय कर्मचारी बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं। वहीं 6,70,000 कर्मचारियों को बिना वेतन के घर भेज दिया गया है। इसकी वजह यह है कि सरकारी विभाग कानूनी तौर पर उन्हें वेतन नहीं दे सकते हैं। शटडाउन अगर आगे बढ़ता है तो विभागों के फंड खत्म हो जाएगा। इससे घर भेजे जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में इजाफा होना लाजिमी है। 

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