• LONDON VILLAGE 14 Sept 2025, (अपडेटेड 14 Sept 2025, 7:22 AM IST)
लंदन में हुए इस दक्षिणपंथी विरोध प्रदर्शन में लाखों लोग सड़क पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया। जमकर हंगामा बरपा। क्या है इसकी पूरी कहानी समझिए।
लंदन में लाखों की संख्या में लोग विरोध प्रदर्शन में उमड़े। (Photo Credit: SociallyTrendyX/X)
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में शनिवार को दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिनसन ने 'यूनाइट द किंगडम' नाम से एक विरोध प्रदर्शन बुलाया, जिसमें 1 लाख से ज्यादा प्रदर्शनकारी शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर पथराव और हमले हुए। लंदन पुलिस ने दावा किया है कि 110,000 से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे। इस विरोध प्रदर्शन के खिलाफ भी एक विरोध प्रदर्शन हो रहा था, जिसमें करीब 5000 लोग शामिल थे। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में तगड़ी झड़प भी हुई।
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शन किया,जगह-जगह झड़प हुई है। इससे कई जगह झड़पें हुईं। लदंन के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यूनाइट द किंगडम प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाई सिक्योरिटी जोन में भी घुसने की कोशिश की, तोड़फोड़ की, पुलिस की घेराबंदी तोड़कर आगे बढ़ गई। अब तक इस सैन्य झड़प में कई प्रदर्शनकारी घायल हो चुके हैं।
लंदन में हुए इस विरोध प्रदर्शन में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हैं, पुलिस ने 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया है। लंदन के असिस्टेंट कमिश्नर मैट ट्विस्ट ने सोशल मीडिया पर एक बयान भी जारी किया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह का विरोध प्रदर्शन किसी भी हाल में मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा है कि हिंसक प्रदर्शनों में जो भी लोग शामिल हुए हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। लंदन के मेयर सादिक खान ने भी कहा, 'किसी भी तरह की हिंसा और पुलिसकर्मियों पर हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है।
📢 Massive protests in London today! Tens of thousands at "Unite the Kingdom" rally for free speech & anti-immigration, with reports of hundreds of thousands or even 1M+ attendees. 🇬🇧 #LondonProtests#UKNewspic.twitter.com/AD0OjUZjuy
प्रदर्शनकारी ब्रिटिश और इंग्लिश झंडे लहराते हुए व्हाइटहॉल की ओर मार्च कर रहे थे। यहां प्रधानमंत्री कार्यालय और सरकारी विभाग हैं। यह विरोध प्रदर्शन, प्रवासियों के खिलाफ काम करने वाले समूहों के दिशा-निर्देश पर हो रहा है। प्रदर्शनकारियों के हाथ में डोनाल्ड ट्रंप के करीबी रहे चार्ली कर्क की तस्वीरें थीं, जिनकी हाल में ही हत्या हो गई थी।
टॉमी रॉबिन्सन की अगुवाई में 'यूनाइट द किंगडम' रैली आयोजित की गई। यह रैली अवैध और अनियंत्रित प्रवासन के खिलाफ बुलाई गई थी। टॉमी रॉबिन्सन ने दावा किया कि ब्रिटिश अदालतें अवैध प्रवासियों के अधिकारों को स्थानीय समुदायों से ऊपर रख रही हैं। उनका कहना था कि यह ब्रिटिश के मूल नागरिकों का अपमान है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका यह आंदोलन 'फ्रीडम ऑफ स्पीच फेस्टिवल', ब्रिटिश विरासत, संस्कृति और राष्ट्रवाद को बचाने के लिए आयोजित किया गया है। टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन यैक्सली-लेनिन है। उन्होंने कहा, 'ब्रिटेन आखिरकार जाग गया है। हम दशकों से इंतजार कर रहे थे। देशभक्ति भविष्य है। सीमाएं भविष्य हैं। हम अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं।
टॉमी रॉबिन्सन कौन हैं?
टॉमी रॉबिन्सन ने खत्म हो चुकी एंटी-इमिग्रेशन ग्रुप इंग्लिश डिफेंस लीग (EDL) की स्थापना की थी। वह जेल में बंद थे, इसी साल रिहा हुए हैं। उनके खिलाफ एक सीरियाई शरणार्थी के खिलाफ झूठे आरोप दोहराने के आरोप हैं। अदालत ने उन्हें अवमानना का दोषी करार दिया था। मेट्रोपॉलिटन पुलिस की कमांडर क्लेयर हेन ने प्रदर्शन से पहले कहा था कि कई मुस्लिम लंदनवासी इस मार्च से चिंतित हो सकते हैं, क्योंकि पहले के प्रदर्शनों में मुस्लिम-विरोधी नारे लगाए गए थे।
इस रैली के विरोध में भी प्रदर्श हुए हैं। प्रदर्शनकारी नाजी मुक्त ब्रिटेन, स्टैंड अप टू रेसिज्म जैसे नारे लगा रहे थे। यह रैली एंटी-फासिस्ट ग्रुपों ने निकाली थी। वे किंग्सवे से ट्राफलगर स्क्वायर की ओर बढ़े। वामपंथी सांसद जॉन मैकडॉनेल और डायने एबॉट ने भाषण दिए। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे, 'नो जस्टिस, नो पीस, नो फासिस्ट्स ऑन ऑवर स्ट्रीट्स।'
जर्नलिस्ट संगीता मिस्का ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'सभी राजनीतिक विचारों, वर्ग, नस्ल, लिंग और पहचान वाले लोग एकजुट हो रहे हैं, जिससे टॉमी रॉबिन्सन की नफरत भरी बातों को नकारा जा सके।' पुलिस ने 1,600 से ज्यादा अधिकारियों को इस रैली पर नजर रखने के लिए तैनात किया था, जिससे दोनों दल प्रदर्शन कर सकें। प्रदर्शन शाम 6 बजे तक खत्म होने वाला था। भीड़ की वजह से यह लंबा खिंच गया।