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अमेरिका और रूस के बीच सुरंग क्यों बनाना चाहते पुतिन, क्या है ये प्रोजेक्ट?

रूस पिछले लंबे समय से अलास्का को रेल या सड़क मार्ग से जोड़ने चाहता है। समय-समय पर उसने दुनिया के सामने अपना प्रस्ताव रखा है। अब एक बार फिर रूस और अलास्का के बीच प्रस्तावित टनल की चर्चा है।

Russia-Alaska Tunnel.

सांकेतिक फोटो। (AI generated image)

शीत युद्ध के वक्त अमेरिका और रूस के बीच एक पुल बनाने का प्रस्ताव सामने आया था। दशकों बीत जाने के बाद भी यह ख्वाब पूरा नहीं हो सका। अब 2025 में दोनों देशों के बीच सुरंग के माध्यम से एक रेल और सड़क मार्ग बनाने का विचार दोबारा सामने आया है। खास बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी यह प्लान खूब भा गया है। मगर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की इसके पक्ष में नहीं हैं। शीतयुद्ध के वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी और सोवियत संघ के प्रधानमंत्री निकिता ख़्रुश्चेव के नाम पर 'कैनेडी-ख्रुश्चेव विश्व शांति पुल' बनाने का प्लान तैयार किया था। 

 

हाल ही में रूस ने सोवियत संघ के समय की बेहद गोपनीय फाइल अमेरिका को सौंपी है। इसमें रूस और अलास्का के बीच पुल बनाने के प्रस्ताव का जिक्र है। अब रूस के निवेश दूत किरिल दिमित्रिव ने अमेरिका और रूस के बीच 'पुतिन-ट्रंप सुरंग' का प्रस्ताव रखा है। आइये जानते हैं कि यह परियोजना कहां बन सकती है, इसमें कितना खर्च आएगा और दुनिया भर में इसकी चर्चा क्यों हैं?

 

अगस्त महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मुलाकात की थी। प्रस्तावित सुरंग अलास्का को रूस से जोड़ेगी। कुछ दिन बाद हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में ट्रंप और पुतिन दोबारा मुलाकात करेंगे। उससे पहले किरिल दिमित्रिव ने दो महाद्वीपों को जोड़ने वाली सुरंग का जिक्र करके लोगों की दिलचस्पी और बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि बुडापेस्ट में दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हो सकती है।

 

 

 

 

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सुरंग में कितना आ सकता है खर्च?

किरिल दिमित्रिव का कहना है कि अगर रूस और अलास्का के बीच सुरंग को परंपरागत तौर पर बनाया गया तो 65 अरब डॉलर से अधिक का खर्च आएगा, लेकिन अरबपति एलन मस्क की बोरिंग कंपनी साझेदारी करती है तो सिर्फ 8 अरब डॉलर में सुरंग तैयार हो जाएगी। करीब 70 मील लंबी परियोजना को बनाने में आठ साल का समय लगेगा।

 

किरिल दिमित्रिव ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट किया। इसमें एलन मस्क का जिक्र किया। लिखा- एलन मस्क सोचिए कि अमेरिका और रूस, अमेरिका और एफ्रो-यूरेशिया को 'पुतिन-ट्रंप' सुरंग से जोड़ा जाए, एक 70 मील लंबी कड़ी जो एकता का प्रतीक है। आइये मिलकर भविष्य का निर्माण करें।' उन्होंने आगे कहा कि यह मेगा-प्रोजेक्ट महाद्वीपों को जोड़ेगा और बोरिंग कंपनी को अब तक का सबसे रोमांचक इन्फ्रास्ट्रक्चर नवप्रवर्तक बना देगा। हालांकि एलन मस्क ने अभी तक किरिल के प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं दिया।

 

क्या विवाद भुला देंगे एलन मस्क?

सबको पता है कि एलन मस्क ने ट्रंप की जीत में अहम रोल निभाया था। जीत के बाद उन्हें सरकारी दक्षता विभाग की कमान मिली, लेकिन कुछ ही समय में दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया। बाद में एलन मस्क ने अचानक सरकारी पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ट्रंप और एलन मस्क के बीच सोशल मीडिया पर हुआ विवाद सबको याद है। अब यही विवाद टनल प्रोजेक्ट पर अड़े आ सकता है। सवाल उठता है कि क्या एलन मस्क ट्रंप के साथ अपना पुराना विवाद भुला देंगे?

कहां पर 'पुतिन-ट्रंप सुरंग' बनाने का प्रस्ताव

अमेरिका के अलास्का और रूस के बीच बेरिंग जलडमरूमध्य पड़ता है। इसका सबसे संकरा हिस्सा 82 किमी चौड़ा है। यही जलडमरूमध्य रूस के चुकोटका को अलास्का से अलग करता है। जलडमरूमध्य में दो छोटे डायोमीड द्वीप हैं। एक रूस का है और दूसरा अमेरिका का। दोनों द्वीपों की दूरी केवल 4 किमी है। प्रस्ताव के मुताबिक इसी बेरिंग जलडमरूमध्य के नीचे 82 किमी लंबी सुरंग बनाने का प्रस्ताव है। 

क्यों सुरंग बनाने के पक्ष में रूस?

किरिल दिमित्रिव रसियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि आरडीआईएफ पहले ही रूस-चीन रेलमार्ग पुल में निवेश करके उसे बना चुका है। अब समय मानव इतिहास में पहली बार महाद्वीपों को जोड़ने का है। रूस और अमेरिका को जोड़ा जाए ताकि प्राकृतिक संसाधनों के संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके। प्रस्ताव के मुताबिक रूस इस सुरंग को एकता का प्रतीक के तौर पर स्थापित करना चाहता है। प्रोजेक्ट की फंडिंग अंतरराष्ट्रीय साझेदार और मॉस्को करेंगे। उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट से दोनों देशों के बीच न केवल परिवहन आसान होगा, बल्कि व्यापार भी बढ़ेगा।

 

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सीक्रेट फाइल में सुरंग का जिक्र

हाल ही में रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की हत्या से जुड़ी 350 पन्नों से अधिक सीक्रेट फाइल अमेरिका को सौंपी है। इसी फाइल में अमेरिका और रूस के बीच पुल बनाने वाले नक्शे का जिक्र है। प्लोरिडा की प्रतिनिधि अन्ना पॉलिना लूना ने यह दस्तावेज इंटरनेट पर साझा किया तो दुनियाभर में चर्चा होने लगी। इस बीच किरिल दिमित्रिव ने नया प्रस्ताव रख दिया। नक्शे में लिखा है रूस और अलास्का के बीच पुल को बनाया जा सकता है और इसे तुरंत बनाया जाना चाहिए।

ट्रंप खुश, जेलेंस्की नाराज

डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक की। इस दौरान जब ट्रंप से टनल प्रोजेक्ट के बार में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे यह प्रस्ताव दिलचस्प लगा। ट्रंप ने तुरंत मुड़कर जेलेंस्की से सुरंग के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह इससे खुश नहीं है।

ख्वाब पुराना, अब भी अधूरा

अमेरिका और रूस को जोड़ने का ख्वाब लगभग 150 साल पुराना है। कई बार चर्चा हुई, लेकिन यह परियोजना आज तक धरातल पर नहीं उतरी। 1904 में साइबेरिया-अलास्का रेलमार्ग की आवाज उठी थी। 2007 में भी रूस ने एक प्रस्ताव रखा। इसके बाद 2015 में रूसी रेलवे के अध्यक्ष व्लादिमीर याकुनिन ने ट्रांस-साइबेरियन हाईवे का प्रस्ताव पेश किया। परियोजना का नाम ट्रांस-यूरेशियन बेल्ट डेवलपमेंट रखा गया। प्रोजेक्ट के तहत मौजूदा ट्रांस-साइबेरियन रेलवे को अलास्का से जोड़ना था। इसके अलावा सड़क, तेल और गैस पाइप लाइन का निर्माण होना था। 

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