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हिंसा और अस्थिरता से जूझ रहे बांग्लादेश में कंडोम क्यों कम पड़ गए?

पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में कंडोम की कमी हो गई है। अब यहां कुछ ही दिनों का स्टॉक बचा है। फंड और कर्मचारियों की कमी के कारण यह संकट खड़ा हुआ है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

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बांग्लादेश में वैसे तो कई सारी समस्याएं हैं। डेढ़ साल से रह-रहकर हिंसा भड़क रही है। कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है। इन सबके बीच एक और समस्या है, जिसका सामना बांग्लादेश कर रहा है और वह है कंडोम की कमी। इससे सरकार के फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम को बड़ा झटका लगा है।

 

सरकारी अधिकारियों ने डेली स्टार को बताया कि सरकार का फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम फंड की कमी और कर्मचारियों की कमी से प्रभावित हुआ है। पिछले कुछ सालों से कॉन्ट्रासेप्टिव पिल की सप्लाई लगातार कम होती जा रही है।

 

डेली स्टार की रिपोर्ट बताती है कि डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फैमिली प्लानिंग (DGFP) के सामने कंडोम की कमी का संकट खड़ा होने वाला है, क्योंकि सिर्फ 39 दिनों में स्टॉक खत्म होने की आशंका है।

 

यह संकट ऐसे समय खड़ा हुआ है, जब देश में 50 साल में पहली बार प्रजनन दर जिसे टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) कहते हैं, उसमें बढ़ोतरी देखी गई है। कई एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि कंडोम की कमी के कारण यह और बढ़ सकता है। हाल ही में एक सर्वे में सामने आया है कि कॉन्ट्रासेप्टिव पिल और कंडोम तक पहुंच में कमी आई है, जिससे प्रजनन दर में बढ़ोतरी हुई है।

 

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कितना बड़ा संकट?

भारत और चीन की तरह ही बांग्लादेश में भी आबादी लगातार बढ़ रही है। साल 1975 में बांग्लादेश में TFR यानी प्रजनन दर 6.3 थी, जो 2012 में घटकर 2.3 पर आ गई। TFR से पता चलता है कि एक महिला अपने कितने बच्चों को जन्म दे रही है।

 

2012 में सरकार ने एक नई पॉलिसी बनाई थी, जिसके तहत TFR को 2.1 के अंदर लाने का टारगेट रखा गया था। हालांकि, सरकार इसे हासिल नहीं कर पाई।

 

डेली स्टार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले महीने ही एक सर्व में सामने आया है 2024 में TFR 2.3 था, जो अब बढ़कर 2.4 हो गया है।

 

बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स और UNICEF के एक सर्वे में सामने आया था कि शादीशुआ महिलाओं में कॉन्ट्रासेप्टिव के इस्तेमाल में कमी आई है। 2019 में 15 से 49 साल की 62.7% शादीशुदा महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करती थीं। यह आंकड़ा अब गिरकर 58.2% पर आ गया है।

 

इसी तरह कंडोम और पिल जैसी कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड तक भी पहुंच में कमी आई है। 2019 में 77.4% महिलाओं तक कॉन्ट्रासेप्टिव तक पहुंच थी। जबकि, अब 73.4% महिलाओं तक ही पहुंच है।

 

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कंडोम की कमी क्यों हो रही है?

कंडोम और कॉन्ट्रासेप्टिव दवाओं की कमी इसलिए हो रही है, क्योंकि सरकार न तो इसके लिए बजट ला रही है और न ही स्टाफ की भर्ती कर रही है।

 

डेली स्टार को DGFP के अधिकारियों ने बताया कि 2020 में कोविड महामारी से ही सप्लाई में कमी आ गई थी। इसके बावजूद तत्कालीन सरकार ने इसकी सप्लाई नहीं बढ़ाई। और तो और फैमिली प्लानिंग को भी कम प्राथमिकता दी।

 

2023 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने लगभग एक साल के लिए कॉन्ट्रासेप्टिव की खरीद पर रोक लगा दी। इससे सप्लाई में और कमी आ गई। सरकार ने कॉन्ट्रासेप्टिव के लिए रखे फंड को दूसरी चीजों की खरीद में लगाने का फैसला लिया। इससे फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम पीछे छूट गया।

 

DGFP के डीजी अशरफी अहमद ने डेली स्टार से कहा कि पिछले साल जून में हेल्थ, पॉपुलेशन एंड न्यूट्रीशन सेक्टर प्रोग्राम (HPNSP) भी खत्म हो गया, जिससे संकट और गहरा गया। क्योंकि पहले ज्यादातर कॉन्ट्रासेप्टिव इसी योजना के तहत खरीदे जाते थे। उन्होंने कहा कि फील्ड-लेवल के कर्मचारियों की कमी ने हालात और बिगाड़ दिए। उन्होंने बताया कि कानूनी दिक्कतों के कारण कुछ पदों पर भर्ती रोक दी गई थी। फील्ड-लेवल के 50,648 पदों में से 12,720 पद खाली हैं।

 

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कितनी घट गई सप्लाई?

DGFP देश भर में 5 तरह के कॉन्ट्रासेप्टिव- कंडोम, ओरल पिल्स, इंट्रा यूटेराइन डिवाइस (IUD), इंजेक्टेबल और इम्प्लांट्स मुफ्त में देता है।

 

नेशलन कॉन्ट्रासेप्टिव समरी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 6 साल में कंडोम की सप्लाई में 57% की गिरावट आ गई है। सितंबर 2019 में कंडोम की सप्लाई 97.48 लाख थी। सितंबर 2022 में यह घटकर 87.31 लाख हो गई। वहीं, इस साल सितंबर में सिर्फ 41.52 लाख कंडोम की ही सप्लाई हुई।

 

कंडोम के अलावा ओरल पिल्स में 63%, IUDs में 64%, इंजेक्टेबल्स में 41% और इम्प्लांट्स में 37% की गिरावट आई है।

 

डेली स्टार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस साल 11 दिसंबर तक DGFP के पास 39 दिनों के लिए कंडोम का स्टॉक था। 45 दिनों के लिए IUDs और 5 महीने 18 दिन के लिए पिल्स का स्टॉक बचा है।

 

DGFP की लॉजिस्टिक और सप्लाई यूनिट के डायरेक्टर अब्दुल रज्जाक ने बताया कि बाकी कॉन्ट्रासेप्टिव की चीजें स्टॉक में आ सकती हैं, अगर कानूनी मसला सुलझ जाता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कंडोम का स्टॉक खत्म होने की आशंका है, जिसेस लोगों को कम से कम एक महीने तक यह नहीं मिलेगा।

 

ढाका यूनिवर्सिटी में पॉपुलेशन साइंसेस के प्रोफेसर अमीनुल इस्लाम ने कहा कि बर्थ कंट्रोल के लिए जो चीजें जरूरी हैं, उनमें कमी हुई है, जिस कारण TFR बढ़ी है।

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