अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को एक बार फिर ईरान को धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर ईरान की तरफ से अमेरिकी संसाधनों पर किसी तरह से हमला हुआ तो पूरी ताकत के साथ अमेरिकी सेना जवाब देगी। इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला बोला है।
इजरायल ने रविवार को ईरान के सबसे बड़े शहरों में से एक इस्फहान पर हवाई हमले किए हैं। इस्फान का कन्वर्जन प्लांट, ईरान के परमाणु ढांचे का अहम हिस्सा है। जहां-जहां ईरान के यूरियन की खदाने हैं, वहां सख्ती बढ़ा दी गई है। इस्फहान के पास ही ईरान के कई बड़े सैन्य ढांचे हैं, वहीं एक एयरबेस भी है और मिसाइल बनाने का कारखाना भी है।
इजरायल इमरजेंसी सर्विस मेगन डेविड अडोम ने कहा है कि तेल अवीव के दक्षिण में स्थित बटयम शहर में एक इमारत पर ईरान ने हमला किया, 4 लोगों की मौत हुई है, 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प, राष्ट्रपति, अमेरिका:-
अगर ईरान की ओर से हम पर किसी भी तरह से हमला किया जाता है तो अमेरिकी सेना पूरी ताकत से उसी स्तर से आप पर टूट पड़ेगी, जैसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा।
डोनाल्ड ट्रम्प का बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब ईरान के तेहरान स्थित रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पर इजरायल ने हमाला किया है। हमले में रक्षा मंत्रालय से जुड़ी एक अनुसंधान संस्था को भी निशाना बनाया गया है। इजरायल ने परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है।
इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड ने क्या कहा?
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड ने शनिवार को इजरायल हमले पर कहा है कि जहां इजरायल फाइटर जेट का ईंधन बनता है वहां हमला किया है, इलेक्ट्रिसिटी स्ट्रक्चर पर भी हमला किया है। ईरान ने इजरायल को धमकी दी है कि अगर हमले नहीं रुके तो और बुरी तरह से हमले किए जाएंगे।
कहां तक पहुंची इजरायल-ईरान की जंग?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि ईरान पर रात में हुए अचानक हमले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। ईरान और अमेरिका के बीच रविवार को होने वाली परमाणु शांति वार्ता भी टल गई है। दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है। इजरायली सेना ने रविवार को ईरानियों को सैन्य हथियार उत्पादन कारखानों को तत्काल खाली करने की चेतावनी दी है। अब यह हमला और बढ़ सकता है। इजरायल के सैन्य प्रवक्ता कर्नल अविचे अद्राई ने ही पहले गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध के बीच गाजा पट्टी, लेबनान और यमन में हमलों का ऐलान किया था। इजरायल का यह बयान, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची का जवाब है। उन्होंने कहा था कि अगर इजराइल अपने हमले बंद कर दे तो तेहरान भी इजराइल पर अपने हमले बंद कर देगा।