फ्रांस में राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब फ्रांस के नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नु ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मात्र 27 दिन में ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसने राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। फ्रैंक्वॉइस बायरू के पद से हटने के बाद मैक्रों ने 9 सितंबर को ही सेबेस्टियन को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
राष्ट्रपति दफ्तर ने एक बयान जारी कर बताया कि राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने सेबेस्टियन लेकॉर्नु का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। लेकॉर्नु एक साल में चौथे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
लेकॉर्नु ने इस्तीफा तब दिया है, जब कुछ ही घंटों पहले कैबिनेट का गठन हुआ था। नए-नए इकोलॉजी मिनिस्टर एग्नेस पैनियर-रनेशर ने X पर पोस्ट किया, 'मैं इस सर्कस से परेशान हो गया हूं।'
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इस्तीफे की वजह क्या है?
सेबेस्टियन लेकॉर्नु को राष्ट्रपति मैक्रों का करीबी माना जाता है। पिछले महीने जब फ्रैंक्वॉइस बायरू ने इस्तीफा दे दिया था, तो मैक्रों ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया था। लेकॉर्नु पहले रक्षा मंत्री थे।
पद संभालने के लगभग तीन हफ्तों बाद लेकॉर्नु ने अपनी कैबिनेट का गठन किया था। उन्होंने ब्रूनो ले मायेर को रक्षा मंत्री बनाया था। ब्रूनो ले मायेर पहले वित्त मंत्री रह चुके थे और उन्हें रक्षा मंत्री बनाए जाने का विरोध हो रहा था।

ले मायेर के अलावा, कैबिनेट में वित्त मंत्री के रूप में रोलैंड लेस्क्योर की नियुक्ति पर भी बवाल हो रहा था। लेस्क्योर पिछले साल तक वित्त मंत्रालय में जूनियर रोल में थे लेकिन अब उन्हें वित्त मंत्री बना देने की आलोचना हो रही थी। वह भी ऐसे वक्त में जब फ्रांस पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है और उसका व्यापारा घाटा भी खूब बढ़ रहा है। फ्रांस यूरोपियन यूनियन की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओ में से एक है।
हालांकि, आलोचनाओं के बावजू सेबेस्टियन लेकॉर्नु ने हालात संभालने की कोशिश की थी। उन्होंने एलान किया था कि वह संसद में बजट पास कराने के लिए अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल नहीं करेंगे और इसकी बजाय वामपंथी और दक्षिणपंथी सांसदों के साथ समझौता करने की कोशिश करेंगे।
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इसलिए भी दे दिया इस्तीफा
फ्रांस में सालभर से राजनीतिक संकट बना हुआ है। एक साल में चार प्रधानमंत्री आ चुके हैं। लेकॉर्नु जब प्रधानमंत्री बने थे, तभी से उनकी सरकार पर संकट बना हुआ था। रविवार को जब उन्होंने कैबिनेट का गठन किया तो यह आशंका और तेज हो गई।
फ्रांस की नेशनल असेंबली में वामपंथी और दक्षिणपंथियों के पास 320 से ज्यादा सीटें हैं। वहीं, कंजर्वेटिव और उनकी सहयोगी पार्टियों के पास 210 सीटें हैं। माना जा रहा था कि मैक्रों के वामपंथी विरोधी सांसद अविश्वास प्रस्ताव लाकर लेकॉर्नु को हटाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इससे पहले ही लेकॉर्नु ने इस्तीफा दे दिया।