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एक्सरसाइज करते वक्त लगता है कि समय धीमे बीत रहा है? वजह पता चल गई

अक्सर हम ऐसा सोचते हैं कि वर्कआउट के दौरान समय धीमे बीत रहा है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?

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इंटेंस वर्कआउट (Photo Credit: freepik)

क्या आपको भी कभी वर्कआउट करते समय ऐसा महसूस हुआ है कि समय धीरे-धीरे बीत रहा है, तो आप अकेले नहीं है। कई बार ऐसा लगता हैं कि ट्रेडमिल पर मिनट या स्क्वाट सेट करते समय टाइम खत्म ही नहीं हो रहा है। इसके पीछे साइटफिक कारण है। हाल ही में एक स्टडी हुई है जिसमें पाया गया कि जब इंटेंस फिजिकल एक्टिविटी करते हैं तो समय को लेकर हमारा अनुभव बदल जाता है।

 

इसका मतलब है कि वर्कआउट असल में जितना लंबा होता है उससे ज्यादा लंबा महसूस हो सकता है लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है। ऐसा हमें तब सबसे ज्यादा महसूस होता है जब हम वर्कआउट करते हैं। ना कि तब जब हम आराम कर रहे होते हैं। स्टडी में बताया गया कि जब हम एक्सरसाइज या थकान वाली चीजें करते हैं तब हमारे दिमाग को ऐसा लगता है कि कम समय में ज्यादा काम कर रहे हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, 'जब वर्कआउट नीरस हो तो यह वास्तविक समय से लगभग 10 प्रतिशत अधिक लंबा लग सकता है'।

 

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एक्सरसाइज के दौरान समय धीमा क्यों लगता है?

 

कैंटरबरी क्राइस्ट चर्च यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रयू एडवर्ड्स के मुताबिक, 'जब हम इंटेंस वर्कआउट करते हैं तब हमारे पूरे शरीर का ध्यान उस एक्सरसाइज को करने में लग जाता है जिसकी वजह से हमें मांस पेशियों में दर्द और सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। इससे हमारे दिमाग में निगेटिव पेन सिग्नल पहुंचता है। उस दौरान दिमाग बहुत कम समय में बहुत सारी जानकारी जुटाने में लग जाता है इसलिए हमें ऐसा महसूस होता है कि टाइम बीत नहीं रहा है लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है'। 

 

शोधर्ताओं ने अपने अध्ययन को आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी से जोड़ा है, जिसके मुताबिक टाइम को कोई अपना रेफरेंस नहीं होता है वो ऑब्जर्वर के हिसाब से बदलता रहता है। उदाहरण के लिए जब आप किसी खूबसूरत लड़की के साथ बैठकर बात करते हैं तो 2 घंटे भी कम लगते हैं लेकिन गर्मी में जब हम 5 मिनट भी गर्म स्टोव के पास काम करते हैं तो हमें ज्यादा समय महसूस होता है।

 

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शोधकर्ताओं ने किया अध्ययन

 

इसके लिए शोधकर्ताओं ने एक एक्सपेरिमेंट किया जिसमें 33 लोगों ने भाग लिया। इन लोगों ने 3 अलग-अलग स्थितियों में साइकलिंग की। कुछ लोगों ने अकेले साइकिल चलाई। कुछ ने एक वर्चुअल यानी काल्पनिक प्रतिद्वंदी के खिलाफ साइकिल चलाई जो अपनी गति को नहीं बदल सकते थे। कुछ लोगों ने ऐसे वर्चुअल प्रतिद्वंदी के खिलाफ साइकिल चलाई जो अपनी गति को बदलते सकते थे। परिणाम से पता चला कि वर्चुअल प्रतियोगियों के होने से कोई खास फर्क नहीं पड़ा। ज्यादा समय लगने के कारण प्रतिद्वंदी नहीं बल्कि शारीरिक मेहनत है।

 

प्रोफेसर एडवर्ड्स के मुताबिक, एक्सरसाइज के दौरान लोगों को ऐसा लगा कि 30 सेकंड बीत गए हो लेकिन असल में 27 सेकंड ही बीते थे। इसका मतलब है कि शारीरिक मेहनत की वजह से हमें ऐसा महसूस होता है कि समय धीरे से बीत रहा है। ये स्टडी ब्रेन और बिहेवियर में पब्लिश हुई है।

 

शोध का रोजाना एक्सरसाइज करने वालों पर क्या असर पड़ेगा?

जो लोग रोजाना वर्कआउट करते हैं, वे जानते हैं कि इंटेंस वर्कआउट के दौरान समय ज्यादा लगता है। इस वजह से कई बार निराशा महसूस होती है। इस वजह से कई लोग एक्सरसाइज करना छोड़ देते हैं। इस अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि वर्कआउट को दिलचस्प बनाए ताकि समय के धीरे होने का एहसास ना हो। इसके लिए आप वर्कआउट के दौरान संगीत सुन सकते हैं, किसी दोस्त के साथ एक्सरसाइज कर सकते हैं। आप अपने वर्कआउट में अलग-अलग एक्सरसाइज को करें।

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