आज कल की बिजी लाइफस्टाइल के बीच हम सभी लोग पैसे-नौकरी की रेस में दौड़ रहे हैं। इस भागदौड़ का असर हमारी फिजिकल ही नहीं मेंटल हेल्थ पर भी पड़ रहा है। आज के समय में ज्यादातर बीमारियों का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल है। डायबिटीज, हृदय संबंधी बीमारियां खराब लाइफस्टाइल की देन है। इन सबके बीच दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण भी लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। ऐसे में लोग अपनी लाइफ में सुकुन चाहते हैं। युवा अपनी वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ में बैलेंस बनाने की कोशिश कर रहा है। पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर स्लो लाइफस्टाइल के बारे में बात हो रही है। क्या आप जानते हैं क्या होता है स्लो लाइफस्टाइल?
स्लो लाइफस्टाइल का मतलब है
स्लो लाइफस्टाइल का मतलब है अपनी लाइफ को स्लो डाउन करके खुद को ज्यादा महत्व देना। इस दौरान व्यक्ति खुद पर ज्यादा समय देता है। इस वजह से स्ट्रेस, टेंशन और बाकी परेशानियों से भी दूर रहता है। स्लो लिविंग में जीवन के हर पहलू में संतुलित, सरल ओर पूर्णता की भावना को शामिल करना है ताकि व्यक्ति अपने एक्सपीरियंस को खुलकर जी सकें। स्लो लाइफस्टाइल के तहत बड़ी संख्या में लोग शहरों की भीड़-भाड़ को छोड़कर गांव की तरफ जाना चाहते हैं। आज के समय में लोग अपने काम से ज्यादा सेहत और बाकी चीजों को महत्व दे रहे हैं।
स्लो लाइफस्टाइल के सिद्धांत
- रिलेशनशिप को महत्व देना
- खुद पर ध्यान केंद्रित करना
- वर्तमान में जीना
- लॉन्ग टर्म गोल के बारे में सोचना
शहरों में कैसे फॉलो करें स्लो लाइफस्टाइल
विशेषज्ञों के अनुसार, शहरों में भी स्लो लाइफस्टाइल के टिप्स को फॉलो किया जा सकता है। इसके लिए आपको खुद के लिए थोड़ा समय निकालना है। 24 घंटे में कुछ समय के लिए अपना पसंदीदा काम करें। ज्यादा भागदौड़ की बजाय पर्यापत नींद लें। छुट्टी के दिन अपने साथ शांत जगह पर थोड़ा वक्त बिताएं। हर दिन एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन करें। हेल्दी खाना खाएं। अपनी लाइफ से अनावश्यक चीजों को हटाकर मेंटल हेल्थ को प्रॉयरिटी दें। इन टिप्स की मदद से आप स्लो लाइफस्टाइल को फॉलो कर सकते हैं।
स्लो लाइफस्टाइल के फायदे
स्लो लाइफस्टाइल को फॉलो करने से आप खुद को पहले से ज्यादा शांत महसूस करेंगे। आपको छोटी-छोटी बातों पर एंजायटी या स्ट्रेस नहीं होगा। इस लाइफस्टाइल को कोरोना के समय में लोगों ने अपनाया था। लोगों ने अपनी हेल्थ और बाकी चीजों पर ध्यान देना शुरू किया था। लेखक-पत्रकार निलेश मिश्रा स्लो लाइफस्टाइल को फॉलो करते हैं। वो शहरों की भीड़-भाड़ से दूर अपने परिवार के साथ गांव में रहते हैं। वहीं से अपना सारा काम कर रहे हैं।