ऑस्ट्रेलिया में प्रेग्नेंट महिला ने अपने बच्चे को जन्म देने के लिए घर पर फ्री बर्थ तकनीक का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट के मुताबिक महिला को मेडिकल सिस्टम पर भरासो नहीं था इसलिए उसने बिना दाई के घर पर ही बच्चे को जन्म देने का विकल्प चुना। रिपोर्ट के अनुसार महिला ने इंस्टाग्राम पर रील देखी थी जिसमें वॉटर बर्थ तकनीक के बारे में बताया गया था। उस रील में बताया गया कि आप बिना डॉक्टर की मदद के बेबी को जन्म दे सकते हैं।
इस प्रक्रिया में आपको दर्द कम होता है। रिपोर्ट में आगे बताया कि इस प्रकिया के दौरान बेबी का रंग नीला पड़ गया तब उसने डॉक्टर को बुलाया लेकिन तब तक देर हो गई थी। आइए जानते हैं क्या होता है वॉटर बर्थ और फ्री बर्थ डिलीवरी?
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फ्री बर्थ और वॉटर बर्थ
फ्री बर्थ- बिना किसी डॉक्टर या दाई की मदद के बच्चे को जन्म दिया जाता है। जबकि वॉटर बर्थ तकनीक में जब एक्टिव लेबर पेन होता है तो महिला को वॉटर पूल में बिठाया जाता है। इस दौरान लेबर पेन से राहत मिलती है और बच्चा भी आसानी से डिलीवर हो जाता है। अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने वॉटर बर्थ के जरिए अपने पहले बेटे को जन्म दिया था। यह प्रक्रिया डॉक्टर या दाई की देख- रेख में होती है। कल्कि का जन्म भी वॉटर बर्थ तकनीक से हुआ था। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर इसका खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि यह एक नेचुरल तरीका है।
फ्री बर्थ का जोखिम उठाने से पहले जानें ये बातें
अगर आप फ्री बर्थ के बारे में सोच रहे हैं तो आपकी तैयारी पूरी होनी चाहिए। किसी भी तरह के मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए तैयार रहें।
- सभी कॉम्पिलेकेशन के बारे में पूरी जानकारी हो।
- इमरजेंसी प्लान तैयार होना चाहिए।
- जरूर पड़ने पर तुरंत मेडिकल सहायता लेने का रास्ता तैयार हो।
- गर्भवस्था से जुड़ी ट्रेनिंग में भाग लें।
- दवाइयों के बारे में पूरी जानकारी रखें।
फ्री बर्थ का फैसला लेने से पहले अपने डॉक्टर से खुलकर बात करें ताकि वह आपको स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में समझा सकें और आप सही निर्णय ले पाएं।
कैसे होता है वॉटर बर्थ
वॉटर बर्थ नॉमल डिलीवरी की तरह ही होता है। एक्टिव लेबर पेन होने पर महिला को पूल में बिठाया जाता है। पूल का पानी गुनगुना होता है। कई बार महिला आधे घंटे में बच्चे को जन्म दे देती है तो कभी 4 से 5 घंटे का समय भी लग सकता है।
वॉटर बर्थ के फायदे
- लेबर पेना कम होता है
- वॉटर बर्थ में एनेस्थिसिया का कम इस्तेमाल होता है।
- गुनगुने पानी में प्रेग्रेंट महिला को आराम मिलता है।
- एंग्जाइटी कम होती है।
- ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
- यह एक सुरक्षित प्रकिया है।
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नॉर्मल डिलीवरी से कैसे अलग है वॉटर बर्थ?
वॉटर डिलीवरी नॉर्मल डिलीवरी से ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। हालांकि दोनों ही तकनीक बच्चे के जन्म के लिए सुरक्षित मानी गई हैं। नॉर्मल डिलीवरी में महिला को दवाइयां दी जाती है ताकि दर्द कम हो। आप किसी भी तकनीक को चुनने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।
क्या वॉटर बर्थ सभी के लिए है?
अगर प्रेग्नेंट महिला का ब्लड प्रेशर, प्लस, हार्ट बीट ठीक है तो वॉटर बर्थ का ऑप्शन चुन सकती हैं। अगर आपको हाई बीपी, वॉटर फोबिया या किसी तरह का कॉम्पिकेशंस हैं तो वॉटर बर्थ आपके लिए नहीं है। विदेशों में इस तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल होता है। भारत में अब यह तकनीक पॉपुलर हो रही है।
यूके में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक 73,000 से ज्यादा जन्में बच्चों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। स्टडी में पाया गया कि NHS मिडवाइफ्स की देखरेख में हुए वॉटर बर्थ में कोई जोखिम नहीं देखा गया। अमेरिका और बर्थ सेंटर स्टडी (British Journal of Obstetrics and Gynecology में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि प्रशिक्षित मिडवाइफ्स की निगरानी में हुए वॉटर बर्थ से माताओं में कम ब्लीडिंग (हेमरेज) और अस्पताल जाने की जरूरत कम पड़ी और नवजात शिशु की मृत्यु दर में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।