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विटामिन खाने का सही तरीका क्या है? एक्सपर्ट से समझिए

विटामिन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन्स की कमी की वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। आइए इससे जुड़ी जरूरी बातों के बारे में जानते हैं।

vitamin health benefits

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

हम सभी जानते हैं कि विटामिन्स हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। हमारा शरीर को अच्छी तरह से काम करने के लिए 13 विटामिन्स चाहिए होते हैं जिसमें से 9 वॉटर सॉल्युबल और 4 फैट सॉल्युबल हैं। कुछ विटामिन्स खाने पीने की चीजों में मिलते हैं और कुछ हमें सप्लीमेंट्स के जरिए मिलते हैं।

 

आमतौर पर विटामिन्स आप कभी भी खा सकते हैं लेकिन अगर यह पता हो कि कब कौन सी विटामिन खाना चाहिए तो सेहत के लिए अच्छा होता है। आइए इस बारे में जानते हैं।

वॉटर सॉल्युबल विटामिन्स

वॉटर सॉल्युबल विटामिन्स पानी में आसानी से घुल जाते हैं। इसलिए आपको इन विटामिन को पचाने के लिए खाने की जरूरत नहीं होती है।

 

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विटामिन बी

 

 

B1 (थायमिन)
B2 (राइबोफ्लेविन)
B3 (नियासिन)
B5 (पैंटोथेनिक एसिड)
B6 (पाइरीडॉक्सिन)
B7 (बायोटिन)
B9 (फोलेट)
B12 (कोबालामिन)

 

ये विटामिन्स शरीर में जमा नहीं होते हैं। अधिक मात्रा होने पर यूरिन के जरिए बाहर निकल जाते हैं। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इन विटामिनों की जरूरत होती है।

 

विटामिन सी

 

 

विटामिन सी हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है जो कोलेजन को बूस्ट करने में मदद करता है। आप विटामिन सी को दिन में किसी भी समय खा सकते हैं।

 

बी विटामिन्स

 

बी विटामिन्स को बी कॉम्पेलक्स सप्लीमेंट्स भी कहा जाता है। यह एक वॉटर सॉल्युबल विटामिन होता है। आमतौर पर सुबह के समय के इसे लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये शरीर में मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ लोगों के लिए विटामिन बी खाली पेट लेना फायदेमंद माना जाता है खासतौर से जिनमें विटामिन बी 12 की कमी होती है।

फैट सॉल्युबल विटामिन्स

फैट सॉल्युबल विटामिन्स शरीर में आसानी से अब्जॉर्ब हो सकें इसलिए जरूरी है कि खाना खाने के बाद इन विटामिन्स का सेवन करना चाहिए। इसमें विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन के होता है।

 

विटामिन ए

 

विटामिन ए की कमी अमेरिका के लोगों में बहुत दुलर्भ है लेकिन विकासशील देशों में यह समस्या आम है। कुछ लोगों में विटामिन ए की कमी सबसे ज्यादा होती है जैसे कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं, जिन्हें सिस्टिक फाइब्रोसिस की बीमारी होती है उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है। 

 

विटामिन ए का सप्लीमेंट मुख्य रूप से फिश लिवर ऑयल और पौधों में कैरोटीनॉयड्स से लेकर बनाया जाता है। विटामिन ए शरीर में अच्छी तरह से अब्जॉब हो जाता है इसलिए फैट युक्त डाइट का सेवन करना चाहिए। अगर आप बैलेंस डाइट खाते हैं तो विटामिन ए के सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। कुछ स्टडी में बताया गया है कि अगर अधिक मात्रा में विटामिन ए सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं तो मौत भी हो सकती है इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह लें इसका सेवन ना करें।

 

विटामिन डी

 

 

विटामिन डी हमारे इम्यून सिस्टम, हड्डियों की मजबूती और कोशिकाओं (सेल्स) को बनाए रखने में मदद करता है। दुनियाभर में 1 अरब से ज्यादा लोग इस विटामिन की कमी से जूझ रहे हैं। आप इस विटामिन को किसी भी समय ले सकते हैं लेकिन आपको इसे फैट युक्त डाइट से लेना है ताकि शरीर में अच्छे से अब्जॉर्ब हो। कुछ विटामिन डी सप्लीमेंट्स को खाने के साथ लेने की जरूरत नहीं होती है। विटामिन डी के साथ भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम भी लेना चाहिए।

 

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विटामिन ई

 

विटामिन ई में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो ब्लड सर्कुलेशन के लिए बेहतर होता है और इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद होता है। शॉर्ट बाउल सिंड्रोम, सिस्टिक फाइब्रोसिस और क्रोहन डिजीज से पीड़ित लोगों में विटामिन ई की कमी पाई जाती है। अधिक मात्रा में विटामिन ई लेने से सेहत को नुकसान पहुंचता है।

 

विटामिन के

 

विटामिन के दो प्रकार का होता है। विटामिन K1 जो हरी पत्तियों में पाया जाता है। विटामिन K2- यह विटाामिन शरीर में कुछ बैक्टीरिया से बनाया जाता है। 

यह विटामिन शरीर में ब्लड क्लॉट बनने में मदद करता है ताकि चोट लगने पर खून ज्यादा ना बहें। इसके अलावा हड्डियों और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इस विटामिन की कमी बड़े लोगों में कम देखी जाती है। जिन लोगों खून संबंधी कोई बीमारी होती है उनमें विटामिन के की कमी पाई जा सकती है।

विटामिन के सप्लीमेंट को फैट युक्त डाइट के साथ लें। आप इस विटामिन को बिना डॉक्टर की सलाह के ना लें।

 

Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।

 
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