सर्दियों में सेहत के साथ-साथ त्वचा का भी खास ख्याल रखना पड़ता है। इस मौसम में धूल मिट्टी, प्रदूषण और स्ट्रेस की वजह से भी त्वचा पर प्रभाव पड़ता है। खान पान की वजह से हार्मोन इम्बैलेंस की समस्या हो सकती है। इन सभी कारणों की वजह से चेहरे पर बार-बार पिंपल्स आ जाते हैं। पिंपल्स एक ऐसी समस्या है जिससे हर लड़की परेशान रहती है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि मुंहासे गर्मियों में होते हैं लेकिन सर्दियों में होने वाले मुंहासे ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।
सर्दियों में किन कारणों से पिंपल्स आ जाते हैं? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए इन कारणों के बारे में जानते हैं और इस समस्या से कैसे छुटकारा पा सकते हैं।
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मुंहासों के बढ़ने का कारण
सर्दियों में ठंडी हवा, कम पानी और गर्म पानी से नहाने की वजह से त्वचा ज्यादा रूखी हो जाती है। ड्राइनेस को कम करने लिए त्वचा खुद से सीबम बनने लगता है। इस वजह से त्वचा में मौजूद पोर्स बंद हो जाते हैं जिससे मुंहासे की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए इन मुंहासों को 'विंटर एक्ने' भी कहा जाता है।

हार्मोनल बदलाव
मुंहासे का कारण शरीर में हार्मोनल इंबैलेस भी हो सकता है। हार्मोनल इंबैलेस की वजह से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ता है जो ऑयल ग्लैंड को सक्रिय कर देता है और मुंहासे की समस्या को बढ़ा सकता है।
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कैसे करें बचाव
- मौसमी में बदलाव के साथ स्किन केयर रूटीन में भी बदलाव करना बहुत जरूरी है। त्वचा पर गंदगी या तेल जमा हो सकता है जिससे मुंहासे का खतरा बढ़ जाता है। त्वचा को साफ करने के लिए फेश वॉश का इस्तेमाल करें। फेश वॉश करने से त्वचा की गंदगी साफ हो जाएगी और पोर्स बंद नहीं होंगे।
- हल्के नॉन कॉमेडोजेनिक मॉश्चराइजर या जेल बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। नहाने के तुरंत बाद मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
- चेहरे को बार बार हाथ से न छुएं क्योंकि हाथों में लगी गंदगी या इंफेक्शन से भी मुंहासे हो सकते हैं।
- बैलेंस डाइट लें और तली-भुनी चीजें और शुगर वाली चीजों का कम सेवन करें
- तनाव को कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें।
- पर्याप्त नींद लें।