दुनिया भर में वजन घटाने वाली मशहूर डायबिटीज की दवा ओजेम्पिक अब भारत में भी लॉन्च हो गई है। डेनमार्क की कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने शुक्रवार को इसे लॉन्च किया। भारत में ओजेम्पिक की शुरुआती डोज 0.25 मिलिग्राम रखी गई है। एक सप्ताह में एक बार इसे दिया जाएगा। एक महीने में 4 ओजेंपिक इंजेक्शन ट्रीटमेंट मरीजों को दिया जाएगा। हर डोज की शुरुआती कीमत फिलहाल 2200 रुपये के आसपास है। हर महीने, ओजेंपिक इंजेक्शन पर करीब 8800 रुपये का खर्च आ सकता है।
ओजेंपिक इंजेक्शन, टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए है। यह दवाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है, साथ ही वजन कम करने में भी मदद करती है। कंपनी के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों में यह 8 किलो तक वजन घटाने में सहायक हो सकती है। इसके अलावा, यह दिल और किडनी से जुड़ी समस्याओं के खतरे को भी कम करती है।
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एजी उन्नीकृष्णन, चिकित्सक, चेल्लारम डायबिटीज इंस्टीट्यूट:-
यह एक ऐसी दवा है जिसका इस्तेमाल डायबिटीज और वजन दोनों के इलाज के लिए किया जाता है। कोर्स के दौरान, सख्त रूटीन फॉलो करना चाहिए और रेगुलर एक्सरसाइज करनी चाहिए। यह दवा सिर्फ वजन कम करने के लिए नहीं है, बल्कि पूरी सेहत के लिए है, क्योंकि यह डायबिटीज के मरीजों में दिल और किडनी से जुड़ी समस्याओं को रोकने में भी मदद कर सकती है।
भारत में कितनी गंभीर है डायबिटीज की समस्या?
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या चीन के बाद सबसे ज्यादा है। यह मोटापा भी तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की दवाइयों का बाजार दशक के अंत तक 150 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
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विक्रांत श्रोत्रीय, नोवो नॉर्डिस्क इंडिया हेड:-
ओजेम्पिक डायबिटीज वाले लोगों में 8 किलोग्राम तक वजन कम करने में भी मदद करता है। इसलिए, इस दवा के फायदे सिर्फ ब्लड शुगर कंट्रोल तक ही सीमित नहीं हैं।
कौन लिख सकता है ओजेम्पिक दवाइयां?
ओजेम्पिक तीन डोज में उपलब्ध है। डॉक्टर, 0.25 मिलीग्राम, 0.5 मिलीग्राम और 1 मिलिग्राम तक इसे रिकमंड करते हैं। ऐसी दवाइयों को सिर्फ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट ही प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।
क्या इससे वजन घटता है?
चेल्लारम डायबिटीज इंस्टीट्यूट के डॉक्टर एजी उन्नीकृष्णन की मानें तो सिर्फ इस दवाई के इंजेक्शन से ही आपका वजन नहीं घटेगा, बेहतर नतीजों के लिए सही रूटीन अपनाना है। यह दवाई साल 2017 से ही अमेरिका में उपलब्ध है। अमेरिका में मोटापा महामारी की तरह है। वहां वजन घटाने के लिए लोग इन दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में सिर्फ डायबिटीज कंट्रोलर के तौर पर लोग इसे देखते हैं।
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क्यों वजन घटता है?
आयशा डायबिटिक क्लीनिक के डॉक्टर शाहिद अख्तर ने कहा, 'ओजेंपिक इंजेक्शन, हार्मोन GLP-1 को कॉपी करता है। यह दवा दिमाग को संकेत देती है कि पेट भर गया है, जिससे भूख कम लगती है और कम खाना खाने का मन करता है। यह पेट से भोजन के पचने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा महसूस होता है। नतीजा यह होता है कि कैलोरी कम लेने से वजन धीरे-धीरे घटने लगता है। यह मुख्य रूप से टाइप-2 डायबिटीज के लिए है, लेकिन वजन कम करने में भी मदद करती है। बिना चिकित्सीय परामर्श के अगर इसे इस्तेमाल किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है।'
जोखिम क्या हैं?
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक ओजेंपिक लेने वाले लोगों में जी मचललना, उल्टी, दस्त, पेट दर्द और कब्ज की शिकायत शुरुआती दिनों में देखने को मिलती है। अगर अनियंत्रित तरीके से इसे लिया गया तो मरीजों में थायरॉइड, पैंक्रियाटाइटिस, गैस्ट्रोपैरिसिस, लो शुगर, गॉलब्लैडर पथरी, किडनी समस्या और विजन लॉस का संभावित जोखिम हो सकता है। इसे किसी भी कीमत पर बिना डॉक्टर की सलाह के न लें। कसरत करें, संतुलित आहार लें और अगर गंभीर लक्षण दिखें, तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।