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पहलगाम हमले के बाद अटारी बॉर्डर से 786 पाकिस्तानियों ने छोड़ा भारत

पहलगाम हमले के बाद जहां 786 पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़कर अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान चले गए हैं  तो वहीं 1464 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से भारत चले आए हैं। 

atari wagaha border । Photo Credit: Wikipedia

अटारी-वाघा बॉर्डर । Photo Credit: Wikipedia

पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर जारी सरकारी आदेश के बाद पिछले छह दिनों में 55 राजनयिकों, उनके आश्रितों और सहायक कर्मचारियों सहित 786 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के जरिए भारत छोड़ चुके हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उनके मुताबिक, इनके अलावा पाकिस्तानी वीजा धारक आठ भारतीय भी पड़ोसी मुल्क चले गए हैं। इसके अलावा 24 अप्रैल से अब तक पंजाब से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए पाकिस्तान से भारत में कुल 1,465 भारतीय आए हैं, जिनमें 25 राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं। 

 

इसके अतिरिक्त दीर्घकालिक भारतीय वीजा धारक 151 पाकिस्तानी नागरिक भी भारत आए हैं। सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 'भारत छोड़ो' नोटिस तब जारी किया था जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) वीजा धारकों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल थी। मेडिकल वीज़ा धारकों के लिए देश छोड़ने की अंतिम तिथि 29 अप्रैल थी। अन्य 12 श्रेणियों के वीज़ा धारकों के लिए देश छोड़ने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल थी। इन श्रेणियों में आगमन पर वीज़ा तथा व्यवसाय, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, विजिटर, ग्रुप टूरिस्ट, तीर्थयात्री और समूह तीर्थयात्री वीजा शामिल हैं।

 

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पाकिस्तान ने भी लिया था ऐक्शन

नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन में तीन रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को 23 अप्रैल को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित कर दिया गया तथा उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया था। इन रक्षा ‘अटैशे’ ( विदेश में अपने देश के रक्षा प्रतिष्ठान का प्रतिनिधित्व करने वाला सशस्त्र बलों का सदस्य) के पांच सहायक कर्मचारियों को भी भारत छोड़ने को कहा गया है। भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा ‘अटैशे’ को भी वापस बुला लिया है। हालांकि, दीर्घकालिक, राजनयिक या आधिकारिक वीजा रखने वालों को 'भारत छोड़ने' के आदेश से छूट दी गई थी।

 

अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि 29 अप्रैल को 10 राजनयिकों समेत कुल 94 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के जरिए से भारत से चले गए। उनके मुताबिक, 28 अप्रैल को 36 राजनयिकों, उनके आश्रितों और सहायक कर्मचारियों समेत 145 पाकिस्तानी चले गए तथा 27 अप्रैल को नौ राजनयिकों और अधिकारियों समेत कुल 237 पाकिस्तानी भारत से चले गए और 26 अप्रैल को 81, 25 अप्रैल को 191 और 24 अप्रैल को 28 पाकिस्तानी भारत से चले गए।

 

8 भारतीय नागरिक भी गए

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी वीजा पर आठ भारतीय नागरिक भी 29 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रॉसिंग बिंदु के जरिए भारत से चले गए। अधिकारियों ने बताया कि इसी प्रकार, 29 अप्रैल को 11 राजनयिकों और अधिकारियों सहित कुल 469 भारतीय उसी रास्ते से पाकिस्तान से लौट आए, 28 अप्रैल को 146 भारतीय लौटे, 27 अप्रैल को एक राजनयिक सहित 116 भारतीय लौटे, 26 अप्रैल को 13 राजनयिकों और अधिकारियों सहित 342 भारतीय वापस आए, 25 अप्रैल को 287 तथा 24 अप्रैल को 105 भारतीय वापस लौटे।

 

दीर्घकालिक भारतीय वीजा पर 29 अप्रैल को कुल 22 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से देश में आए तथा 28 अप्रैल को इसी श्रेणी का वीजा रखने वाले 129 और पाकिस्तानी भारत आए। अधिकारियों ने कहा कि कुछ पाकिस्तानी शायद एयरपोर्ट के जरिए भी भारत से चले गए होंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि भारत का पाकिस्तान के साथ सीधा हवाई संपर्क नहीं है, इसलिए वे शायद किसी तीसरे देश चले गए होंगे।

 

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी देश छोड़ने की निर्धारित समय सीमा से अधिक भारत में न रहे। मुख्यमंत्रियों के साथ शाह की टेलीफोन पर बातचीत के बाद, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया गया है, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें।

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