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शख्स की गोली मारकर हत्या, वायरल वीडियो में कहा- पहलगाम का बदला है

आगरा में चिकन बिरयानी की दुकान पर काम करने वाले एक शख्स की किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद एक वायरल वीडियो में इसे पहलगाम का बदला बताया गया। हालांकि, इस वीडियो की पुष्टि खबरगांव नहीं करता है।

Representational Image। Photo Credit: PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

आगरा में रेस्टोरेंट में काम करने वाले एक कर्मचारी गुलफाम अली की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना में उसका एक साथी भी घायल हो गया। दोनों ही शाहिद अली चिकन बिरयानी नाम के रेस्टोरेंट में काम करते थे, जिसका मालिक गुलफाम का चचेरा भाई शाहिद अली था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना बुधवार से गुरुवार की दरम्यानी रात को हुई।

 

हत्या के कुछ घंटों बाद, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने लगा और तेज़ी से चर्चा में आया जिसमें दो लोग पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए अपराध की ज़िम्मेदारी लेते हुए नज़र आ रहे हैं। कथित वीडियो में, एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि दो लोगों (वह एक धार्मिक गाली का इस्तेमाल करता है) की हत्या की गई है और क्षत्रिय गौ रक्षा दल इस कृत्य की ज़िम्मेदारी लेता है। वह व्यक्ति अपनी कमर पर दो पिस्तौल और एक चाकू बांधे हुए दिखाई देता है, और उसके साथ एक और व्यक्ति भी है जो इसी तरह के हथियारों से लैस है।

 

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वीडियो हुआ वायरल

वीडियो में उन्हें हिंदी में यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'मैं भारत माता के नाम पर प्रतिज्ञा करता हूं कि यदि हम 26 लोगों की हत्या का बदला 2,600 से नहीं लेंगे, तो मैं भारत माता का बेटा नहीं हूं।' उनका इशारा कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की ओर था जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।

 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, व्यक्ति ने खुद का नाम मनोज चौधरी बताया है, जबकि उसके साथ मौजूद व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है।

 

हालांकि, खबरगांव इस वीडियो के प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

 

पुलिस ने दावे से किया इनकार

वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, स्थानीय पुलिस ने दावे से इनकार किया है और कहा है कि आगरा में ऐसा कोई गौरक्षक समूह सक्रिय नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने पुलिस के हवाले से कहा, 'क्षत्रिय गौ रक्षा दल' के नाम पर कोई संगठन सक्रिय नहीं है। सोशल मीडिया पर वीडियो एक पब्लिसिटी स्टंट लगता है। ताजगंज में एक एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।'

 

आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के अनुसार, यह हत्या कुछ दिन पहले बिरयानी रेस्टोरेंट में भोजन की गुणवत्ता को लेकर हुए झगड़े के बाद हुई थी, और वीडियो में दिख रहे लोग इस घटना का इस्तेमाल पब्लिसिटी के लिए कर रहे हैं।

 

कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'कुछ दिनों पहले खाने में खाने में खराबी हुई बहस का नतीजा है यह घटना। जांच से पता चला है कि वीडियो में दिख रहे दो लोग क्षत्रिय नहीं हैं और उनके द्वारा गौरक्षक के रूप में खुद को घोषित किया जाना भी संदिग्ध है। इस स्तर पर, यह एक पब्लिसिटी स्टंट से ज़्यादा लगता है। अपराध स्थल से सीसीटीवी फुटेज में चार लोगों की मौजूदगी दिखाई देती है। हमने एक संदिग्ध को गिरफ़्तार किया है।' 

 

गुलफ़ाम और उसके सहकर्मी सैफ़ अली को स्कूटर पर सवार तीन लोगों ने निशाना बनाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुलफ़ाम की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि सैफ़ अली गोली से बच निकला। गोली उसकी गर्दन को छूकर निकल गई। भारतीय न्याय संहिता की हत्या और हत्या के प्रयास से संबंधित धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है।

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