चेन्नई के अन्ना यूनिवर्सिटी कैंपस में एक छात्रा से यौन उत्पीड़न का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा। इसको देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने एक समिति का गठन किया जो कि इस मामले की गहन जांच कर रही है।
हालांकि, NCW की टीम द्वारा की गई जांच में कुछ खामियां पाई गई है। आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। बता दें कि चेन्नई स्थित विश्वविद्यालय परिसर में हुई इस घटना को लेकर राजनीतिक हंगामा भी तेज हो गया है।
विपक्षी ने बनाया निशाना
तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके ने इस घटना के लिए सत्तारूढ़ डीएमके को निशाना बनाया। वहीं, टीवीके अध्यक्ष और अभिनेता विजय ने राज्यपाल आरएन रवि से मुलाकात की और दक्षिणी राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
'विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस की ओर से कमियां'
एनसीडब्ल्यू की सदस्य ममता कुमारी ने चेन्नई में विश्वविद्यालय परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'हमने जांच की है और निष्कर्ष राज्यपाल को सौंप दिए हैं। हम आयोग को रिपोर्ट देंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस की ओर से भी कमियां रही हैं।'
इससे पहले दिन में कुमारी ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित के साथ अन्ना विश्वविद्यालय के छात्रों और प्रबंधन से मुलाकात की। दीक्षित भी जांच टीम के सदस्य हैं। एनसीडब्ल्यू ने पिछले सप्ताह भाजपा के राज्य प्रमुख के अन्नामलाई की शिकायत के बाद अपराध का स्वत: संज्ञान लिया था।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में 19 वर्षीय पीड़िता ने कहा कि वह 23 दिसंबर को अपने एक मेल फ्रेंड के साथ घूम रही थी, तभी आरोपी ने उन्हें धमकाया। उसने पहले उसके पुरुष मित्र पर हमला किया और फिर पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया। उसने अगले दिन कोट्टूरपुरम महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। यौन उत्पीड़न की घटना ने राज्य में भारी हंगामा मचा दिया है, विपक्षी दलों ने मामले में असली दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है।