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अमेरिकी बॉर्बन पर टैरिफ कटौती का भारत में क्यों हो रहा विरोध?

भारत में ल्कोहलिक बीवेरेज इंडस्ट्री के लीडर्स ने अमेरिकी बॉबर्न व्हिस्की के टैरिफ में कटौती की एवज में राज्य सरकारों से अपील की है कि वे उन पर राज्यों द्वारा एक्साइज ड्यूटी में दी जाने वाली छूट को खत्म करें।

donald trump : Photo Credit: PTI

डोनाल्ड ट्रंप । Photo Credit: PTI

भारत सरकार द्वारा बॉबर्न व्हिस्की में टैरिफ में कटौती करने की घोषणा करने के एक दिन बाद ही भारत में एल्कोहलिक बीवेरेज इंडस्ट्री के लीडर्स ने राज्य सरकारों ने आयातित शराब पर एक्साइज ड्यूटी में दी जाने वाली छूट को खत्म करने की अपील की है ताकि इसके प्रभाव को कम किया जा सके.

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद यह फैसला लिया गया है। अमेरिका ने इस फैसले का स्वागत किया था।

 

कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बीवेरेज कंपनीज़ (सीआईएबीसी) ने सरकार से आयातित स्पिरिट की डंपिंग को रोकने और भारतीय मादक उत्पादों के लिए बेहतर अंतरराष्ट्रीय बाजार पहुंच पर बातचीत करने के लिए 'कड़े और प्रभावी उपाय' शुरू करने का आग्रह किया, जो वर्तमान में कई नॉन-टैरिफ बैरियर का सामना कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, यूके में नॉन-टैरिफ बैरियर भारत-यूके व्यापार वार्ता में विवाद का विषय रही हैं।

 

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यूके में क्या है नियम

बातचीत के दौरान, इंडस्ट्री ने कहा कि ब्रिटेन में व्हिस्की के लिए तीन साल की परिपक्वता अवधि की सख्त आवश्यकता है, जो ब्रिटिश बाजार में भारतीय उत्पादों की बिक्री को रोकती है। भारतीय उद्योग के एक व्यक्ति ने तर्क दिया कि भारत की गर्म जलवायु में व्हिस्की ब्रिटेन की तुलना में जल्दी परिपक्व होती है, जिससे यह आवश्यकता व्यापार के लिए अनुचित बैरियर बन जाती है।

 

सीआईएबीसी के महानिदेशक अनंत एस अय्यर ने एक बयान में कहा, 'सरकार को एफटीए के तहत सीमा शुल्क में कटौती और अन्य रियायतों से संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेते समय भारतीय शराब निर्माताओं के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता है। हमने राज्य सरकारों से आयातित शराब को दी जाने वाली सभी उत्पाद शुल्क रियायतें वापस लेने का अनुरोध किया है, क्योंकि सीमा शुल्क में कमी से स्पिरिट और वाइन दोनों श्रेणियों में भारतीय उत्पादों पर और अधिक प्रभाव पड़ेगा। यह भारतीय कंपनियों के लिए दोहरी मार होगी।'

 

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चरणबद्ध तरीके से हो कटौती

अय्यर ने कहा कि भारतीय शराब निर्माता आयात शुल्क में कटौती के 'विरोध में नहीं' हैं, हालांकि उन्होंने अनुरोध किया है कि कटौती 10 वर्षों की अवधि में 'चरणबद्ध' तरीके से की जाए।

 

अय्यर ने कहा, 'देशों को गैर-टैरिफ बैरियर को हटाना चाहिए जो पश्चिमी बाजारों में भारतीय उत्पादों के विशाल बहुमत को बेचने से रोकती हैं। हम यह भी चाहते हैं कि ये बाजार भारतीय व्हिस्की को अन्य वैश्विक उत्पादों के बराबर पहचान दें।'

 

उन्होंने आगे कहा कि स्पिरिट्स और वाइन क्षेत्रों में सस्ते आयात के लगातार खतरे के कारण उद्योग को संरक्षण की आवश्यकता है, जो घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा सकता है जिसने वर्षों से प्रीमियम पेशकशों का एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाया है।


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