CBSE ने बोर्ड परीक्षा के लिए जारी किए नए नियम, जानिए क्या-क्या बदला
देश
शुभम चंदेल• DELHI 18 Sept 2025, (अपडेटेड 18 Sept 2025, 2:33 PM IST)
CBSE ने 10वीं 12वीं बोर्ड एग्जाम के लिए नए नियमों की घोषणा की है। 75 प्रतिशत अटेंडेंस जरूरी कर दी गई है और इंटरनल असेसमेंट के नियमों में भी बदलाव किया है।

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Freepik
10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम को लेकर नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 7 प्वाइंट्स में एक नोटिस जारी करके नए नियमों की जनाकारी दी है। इन नियमों के साथ ही बोर्ड ने चेतावनी भी दी है कि जो उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करेंगे उन्हें बोर्ड एग्जाम में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। नए नियमों में 10वीं के एग्जाम साल में दो बार करवाने की घोषणा की गई है। इसके अलावा स्पोर्ट्स इवेंट और ओलंपियाड में शामिल होने वाले छात्रों के लिए भी नए नियमों की घोषणा की गई है।
CBSE ने 10वीं क्लास के लिए साल में दो बार एग्जाम कराने का फैसला भी लागू कर दिया है। इसके साथ ही इस नोटिस में बताया गया है कि 12वीं क्लास के लिए नए स्किल-बेस्ड इलेक्टिव सब्जेक्ट और प्रैक्टिकल लर्निंग, टेक्नोलॉजी के उपयोग और स्किल डेवपमेंट पर आधारित 9 प्वाइंट ग्रेडिंग स्केल भी शुरू किया गया है। बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लेकर भी नए नियम लागू किए हैं।
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अटेंडेंस और इंटरनल असेसमेंट
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बोर्ड ने अपनी मूल्यांकन प्रक्रिया में भी बदलाव किए हैं। बोर्ड ने इंटरनल असेसमेंट को मूल्यांकन का एक अभिन्न अंग माना है और बोर्ड एग्जाम को 60 प्रतिशत तो इंटरनल असेसमेंट को 40 प्रतिशत वेटेज दिया है। मूल्यांकन दो साल की एक लंबी प्रक्रिया है और अगर छात्र स्कूल नहीं जाता तो उसका मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। बोर्ड ने अटेंडेंस को इंटरनल असेसमेंट से जोड़ दिया है। इसमें क्लास में हिस्सा लेना, क्लास टेस्ट, प्रोजेक्ट्स और अन्य गतिविधियां शामिल की गई हैं। CBSE ने सभी छात्रों के लिए 75 प्रतिशत अटेंडेस को जरूरी कर दिया है और जिन छात्रों की अटेंडेंस कम हो जाती है तो उन्हें एक साल दोबारा उसी क्लास में पढ़ाई करनी होगी।
दो साल का मार्किंग स्ट्रक्चर
नए नोटिफिकेशन में बताया गया है कि 10वीं और 12वीं दो साल के प्रोग्राम हैं। 10वीं क्लास में 9वीं और 10वीं शामिल हैं और 12वीं क्लास में 11वीं और 12वीं दोनों शामिल हैं। इस नियम के अनुसार, अगर किसी छात्र को 12वीं या 10वीं का एग्जाम देना है तो उसे 9वीं और 11वीं भी करनी होगी। स्कूल को इस बात का ध्यान रखना होगा कि छात्र इस नियम का पालन करें। साथ ही स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि बोर्ड की तरफ से जारी करिकुलम के अनुसार ही स्कूल छात्रों को पढ़ाएं। सभी सब्जेक्ट्स दो साल तक पढ़ाए जाने चाहिए। इसके साथ ही साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होंगे और छात्र दोनों एग्जाम दे सकेंगे। जिस भी एग्जाम में छात्र के ज्यादा नंबर आएंगे वह एग्जाम मान्य होगा। यह एग्जाम फरवरी और अप्रैल महीने में करवाए जाएंगे।
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रजिस्ट्रेशन के लिए नए नियम
CBSE ने 9वीं और 11वीं क्लास में रजिस्ट्रेशन के नियमों में भी बदलाव किया है। यह नियम इसी सत्र यानी 2025-26 से ही लागू होगा। 10वीं और 12वीं में रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा और यह 'परीक्षा संगम पोर्टल' पर ही किया जाना चाहिए। स्कूल इस संबंध में बच्चों को करेक्शन स्लिप जारी करेंगे और अगर कोई गलती हो जाती है तो उसे 14 और 28 नवंबर को ठीक किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए APAAR ID की जरूरत होगी। हालांकि, देश से बाहर बोर्ड के साथ एफिलिएटेड स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को इस शर्त से बाहर रखा गया है।
इसके साथ ही बोर्ड ने चेतावनी दी है कि निर्धारित समय के बाद फीस भरने वालों पर एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा। अगर कोई छात्र इन नियमों का पालन नहीं करता तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
विदेश में पढ़ रहे छात्रों को राहत
विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को इन नियमों के जरिए राहत दी गई है। बोर्ड ने विदेश में पढ़ रहे छात्रों के लिए APAAR ID की बाध्यता को खत्म कर दिया है। इसका सीधा फायदा उन छात्रों को होगा जो विदेश में स्थित CBSE से एफिलिएटेड स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं क्योंकि APAAR ID के लिए आधार होना जरूरी है लेकिन कई छात्रों के पास आधार नंबर नहीं है। ऐसे में वहAPPAR ID नहीं बना पाते। बोर्ड के नए नियम से ऐसे छात्रों का काम आसान हो गया है।
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कंपार्टमेंट और रिपीट
नए नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर किसी रेगुलर छात्र ने पिछले साल में कोई एडिशनल सब्जेक्ट लिया हो और उस साल उसे कंपार्टमेंट या इसेंशियल रिपीट कैटेगरी में डाला गया हो, तो वह छात्र एक प्राइवेट कैंडिडेट के तौर पर एग्जाम दे सकता है। इसके साथ ही बोर्ड एग्जाम सेंटर में बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन का प्रावधान करने की भी तैयारी कर रहा है।
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