बिहार में विधानसभा चुनावों का एलान कर दिया गया है। राज्य का चुनाव दो फेज में पूरा किया जाएगा। 6 नवंबर और 11 नवंबर को चुनाव होंगे। सभी पार्टियां अब अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगी। 14 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाने के बाद इसका फैसला हो जाएगा कि किसकी सरकार बिहार में बनेगी। राज्य में चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद आचार संहिता लागू हो गई। क्या आपको पता है कि राज्य के साथ-साथ केंद्र पर भी आचार संहिता लागू हो जाती है?
पूरा प्रदेश चुनाव आयोग के प्रशासन के अधीन आ गया है। राज्य में कोई भी फैसला चुनाव आयोग के आदेश के बिना लागू नहीं किया जाएगा। राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता (MCC) केंद्र सरकार पर भी लागू होती है। हालांकि, यह केवल उस राज्य से संबंधित घोषणाओं और नीतिगत फैसलों तक सीमित होती है जहां चुनाव हो रहे हैं। जानते हैं कि MCC के तहत केंद्र सरकार के लिए क्या-क्या प्रमुख बदलाव होते हैं?
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MCC के तहत केंद्र के लिए होने वाले बदलाव
आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि सत्ताधारी पार्टी जहां कि भी हो राज्य या केंद्र, अपनी स्थिति का लाभ चुनाव प्रचार के लिए न उठाएं और सभी दलों को इसका समान अवसर मिले।
1. नई घोषणाओं पर रोक
- केंद्र सरकार उस चुनावी राज्य के लिए कोई नई योजना या वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकती है।
- किसी भी परियोजना का भूमि पूजन, लोकार्पण या उद्घाटन नहीं किया जा सकता, भले ही उसे पहले मंजूरी मिल चुकी हो।
- सरकारी फंड से खर्चे पर सरकारी उपलब्धियों का प्रचार नहीं किया जा सकता।
- केंद्रीय मंत्रियों को ऐसी कोई घोषणा करने से बचना होता है जो वोटर को प्रभावित कर सके।
2. सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग पर रोक
- केंद्रीय मंत्री अपने चुनाव प्रचार के लिए सरकारी वाहन, प्लेन या हेलीकॉप्टर का उपयोग नहीं कर सकते। केवल निजी या किराए के वाहनों की अनुमति होती है, जिसका खर्च चुनावी खाते में जोड़ा जाता है।
- आधिकारिक दौरे को चुनावी काम के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।
- चुनाव कार्य से जुड़े सरकारी कर्मचारियों का उपयोग चुनावी प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा।
- सरकारी वेबसाइटों से केंद्रीय नेताओं की तस्वीरें हटाना अनिवार्य होता है ताकि सरकारी मंच का उपयोग प्रचार के लिए न हो।
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3. अन्य प्रतिबंध
- चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी/स्टाफ का ट्रांसफर चुनाव आयोग की पूर्व सहमति के बिना नहीं किया जा सकता।
- केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव के दौरान सरकारी आवास या परिसर का इस्तेमाल चुनावी कार्यालय या प्रचार केंद्र के रूप में करने की मनाही होती है।
केंद्र सरकार की सामान्य नीतिगत गतिविधियां जो सीधे चुनावी राज्य को प्रभावित नहीं करती हैं, वे जारी रह सकती हैं लेकिन चुनावी राज्य से संबंधित किसी भी बड़े नीतिगत निर्णय या लोक-लुभावन घोषणा पर आचार संहिता की अवधि में रोक लग जाती है।