कोडिन कफ सिरप केस में ईडी ऐक्शन मोड में है। देश के कई राज्यों में ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी की है। उत्तर प्रदेश, गुजरात और झारखंड के कई शहरों में ईडी की टीम पहुंची है। कोडीन कफ सिरप केस के तार कई राज्यों में जुड़े हैं। ईडी के अधिकारी यह कार्रवाई अवैध कारोबार और तस्करी से जुड़े गिरोह के खिलाफ कर रहे हैं।
ED की लखनऊ यूनिट ने 67 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है और केंद्रीय बलों की मदद से 25 जगहों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। इन छापों में फैक्टरियां, गोदाम और आरोपियों के घर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सहारनपुर, वाराणसी और गाजियाबाद में सर्च हुई, जबकि रांची और अहमदाबाद में भी ऑपरेशन चले। ये इलाके अवैध तरीके से कोडीन सिरप बनाने, पैक करने और बेचने के केंद्र माने जा रहे हैं।
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कैसे हजारों की धांधली सामने आई?
कोडिन केस में यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में है। आरोपियों ने फर्जी बिलिंग, गलत स्टॉक एंट्री और बेनामी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए कमाए। ED ने यूपी पुलिस की 24 FIR के आधार पर यह केस शुरू किया है। इन FIR में अवैध सिरप की बड़ी मात्रा जब्त हुई, फर्जी GST इनवॉइस और छिपी हुई फैक्टरियां पकड़ी गईं।
ED क्या तलाश रही है?
ED के जांच अधिकारी, डिजिटल सबूत मांग रहे हैं। ईडी अब आरोपियों के बैंक अकाउंट फ्रीज कर सकती है, संपत्ति जब्त कर सकती है। ईडी शेल कंपनियां, कैश ट्रांजेक्शन और बेनामी संपत्तियों की तलाश कर रही है। ईडी ने यूपी पुलिस से सभी केस फाइलें, बैंक डिटेल और प्रॉपर्टी पेपर मांगा है। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि इस रैकेट का सरगना शुभम जायसवाल है। ED ने 8 दिसंबर 2025 को उसे तलब किया था लेकिन वह आया नहीं।
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ईडी की रडार पर हैं कई लोग?
ईडी के अधिकारियों का कहना है कि इस केस में फरार मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल और उसके सहयोगी आलोक सिंह, अमित सिंह और कई अन्य लोग जांच एजेंसी की रडार पर हैं। कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं।
कहां फरार है मुख्य आरोपी?
अधिकारियों ने बताया कि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के दुबई भाग जाने की आशंका है। उसके पिता को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यूपी पुलिस भी अब तक 32 लोगों को हिरासत में ले चुकी है। इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है।
कैसे कफ सिरप पर हंगामा शुरू हुआ?
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोडीन-युक्त कफ सिरप के दुरुपयोग, उनके अवैध मैन्युफैक्चरिंग, व्यापार और आपूर्ति से संबंधित घटनाओं पर संज्ञान लिया था। पुलिस ने 30 से ज्यादा FIR दर्ज की है। इन FIR के आधार पर ईडी ने कार्रवाई की है। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अपराध से अर्जित कुल कमाई करीब 1,000 करोड़ रुपये है।