दिल्ली के एक अदालत ने गुरुवार को जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद को अंतरिम जमानत दी है। 16 से 19 दिसंबर तक उमर खालिद जेल से बाहर रखेंगे। इस दौरान वह अपनी बहन के निकाह में शामिल होंगे। उमर खालिद 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद हैं। अतरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने उमर खालिद को अंतरिम राहत दी, लेकिन उन्हें 20,000 रुपये का पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही रकम की दो जमानतें देनी होंगी।
कोर्ट ने जमानत की शर्त पर बताया कि 29 दिसंबर की शाम उमर खालिद को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। अंतरिम जमानत के वक्त जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नबंर देना होगा। किसी गवाह से कोई संपर्क नहीं करेंगे। घर में जहां-जहां निकाह की रस्में होंगी, उमर खालिद सिर्फ वही रहेंगे। जमानत के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेंगे और अपने परिवार के लोगों, दोस्तों और रिश्तेदार से ही मिल सकेंगे।
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यह कोई पहली बार नहीं जब उमर खालिद को अंतरिम जमानत मिली हो। पिछले साल भी सात दिनों की अंतरिम जमानत मिली थी। उस वक्त भी अदालत ने शादी समारोह में शामिल होने की खातिर जमानत दी थी। 2022 में भी उमर खालिद को अंतरिम जमानत मिल चुकी है।
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