तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सांसद साकेत गोखले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने उनकी सैलरी को जब्त करने का आदेश दिया है, जब तक कि वह 50 लाख रुपये का जुर्माना नहीं भर देते। यह मामला एक मानहानि केस से जुड़ा है, जो पूर्व राजनायिक लक्ष्मी पुरी ने गोखले के खिलाफ दायर किया था।
पूरा मामला क्या है?
दरअसल, लक्ष्मी पुरी सयुंक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी हैं। 2021 में उन्होंने साकेत गोखले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का केस दायर किया। उनका कहना था कि गोखले ने उनके और उनके पति के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बातें कहीं। गोखले ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि लक्ष्मी पुरी ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में काले धन से एक अपार्टमेंट खरीदा है। लक्ष्मी पुरी ने कहा कि इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।
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कोर्ट ने गोखले को पाया था दोषी
कोर्ट ने इस मामले में 1 जुलाई 2024 को फैसला सुनाते हुए गोखले को दोषी पाया। कोर्ट ने कहा कि उनके ट्वीट्स अपमानजनक थे और लक्ष्मी पुरी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। कोर्ट ने गोखले को लक्ष्मी पुरी से मांफी मांगने का आदेश दिया था। साथ ही गोखले अपने ट्विटर (अब X) हैंडल पर माफी पोस्ट करें। यह माफी ट्विटर पर 6 महीने तक रहनी चाहिए। साथ ही 50 लाख रुपये का जुर्माना लक्ष्मी पुरी को दें। वहीं, भविष्य में लक्ष्मी पुरी के खिलाफ कोई भी अपमानजनक सामग्री सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर पोस्ट न करें।
8 हफ्तों का समय लेकिन नहीं मांगा माफी
कोर्ट ने गोखले को 8 हफ्तों का समय दिया था लेकिन उन्होंने न तो माफी मांगी और न ही जुर्माना भरा और न ही कोई ठोस वजह बताई कि वह ऐसा क्यों नहीं कर पाए। इसके बाद लक्ष्मी पुरी ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि गोखले कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।
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आज की सुनवाई में क्या हुआ?
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार 24 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई की। जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि गोखले ने कोर्ट के पिछले आदेश का पालन नहीं किया। इसलिए, कोर्ट ने उनकी सैलरी जब्त करने का आदेश दिया, जब तक कि वह 50 लाख रुपये का जुर्माना नहीं भर देते। साथ ही, कोर्ट ने गोखले को अपनी संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी देने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया और अगली सुनवाई 5 फरवरी 2025 को तय की।
बता दें कि गोखले राज्यसभा सांसद हैं और सांसदों को हर महीने 1 लाख रुपये सैलरी मिलता है। गोखले पर एक और अलग मामला चल रहा है, जिसमें उन पर क्राउडफंडिंग से जुटाए गए पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप है। दिसंबर 2022 में गुजरात पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया कि गोखले ने चंदे के पैसे को शेयर बाजार, शराब, खाने, और व्यक्तिगत खर्चों पर उड़ाया। इस केस में भी अहमदाबाद की एक कोर्ट ने 13 अगस्त 2024 को उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तय किए थे।