ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन और तुर्की ने पाकिस्तान के हर तरीके से समर्थन किया। चीन ने मिसाइल से तो तुर्की ने अपने ड्रोन पाकिस्तान को देकर मदद की। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर सीजफायर होने के बाद चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में 700 से ज्यादा व्यापारिक संगठनों से चीन और तुर्की के साथ सभी तरह के व्यापार को रोकने की अपील की है।
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा, 'चीन और तुर्की ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में दुश्मन का समर्थन किया है।' उन्होंने कहा, 'चीन को भारतीय बाजारों से काफी लाभ होता है, क्योंकि देश भर में इसके उत्पादों का बड़े पैमाने पर व्यवसायों में इस्तेमाल किया जाता है। इसके बावजूद, वह (चीन) गैर-मित्रतापूर्ण रुख अपनाना जारी रखे है। ऐसे देशों पर हमारी आर्थिक निर्भरता पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है।'
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27.5 लाख भारतीय पर्यटक तुर्की घुमने गए
बृजेश गोयल ने विशेष रूप से तुर्की के साथ वाणिज्यिक संबंधों को धीरे-धीरे कम करने पर जोर दिया। तुर्की हर साल भारतीय पर्यटन से काफी राजस्व हासिल करता है। सीटीआई के मुताबिक, 'साल 2024 में, लगभग 27.5 लाख भारतीय पर्यटक तुर्की गए, जिससे दोनों देशों के बीच 12.5 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ।'
चीनी आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगे
सीटीआई के महासचिव गुरमीत अरोड़ा ने सरकार से चीनी आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि तनाव जारी रहने के दौरान चीनी कंपनियों को भारतीय बाजारों में प्रवेश की अनुमति देना देश के सर्वोत्तम हित में नहीं है। चैंबर ने आयातित वस्तुओं पर उचित लेबलिंग की कमी पर भी चिंता जताई।
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सेना ने दिए चीन-तुर्की के सबूत
वहीं, सोमवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने दिल्ली में एक प्रेस ब्रीफिंग में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यह भी बताया कि पाकिस्तान के कौन-कौन से हथियारों को तबाह किया गया? चीनी मिसाइल और तुर्किये के ड्रोन के मलबे को भी भारत ने दुनिया को दिखाया। चीनी मिसाइलों और तुर्किये के ड्रोन्स को पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जमकर इस्तेमाल किया।