प्रवर्तन निदेशालय (ED) भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका भेजने वाले एजेंटों की कमर तोड़ने के लिए जांच में जुट गई है। दरअसल, ईडी कनाडा के कॉलेजों में फर्जी एडमिशन के जरिए भारतीयों को अवैध तरीकों से अमेरिका में प्रवेश करने में मदद करने वाले भारत, कनाडा, अमेरिका में एजेंटों और मददगारों के नेटवर्क की जांच कर रहा है।
गुजरात पुलिस की मदद ले रही ईडी
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका भेजने वाले एजेंटों के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की बात कही है। ईडी के शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 8,500 से ज्यादा मौद्रिक लेन-देन एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। साथ ही एजेंसी गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच की 2023 की दर्ज की गई एफआईआर का संज्ञान ले रही है। यह कार्रवाई धन शोधन रोधी कानून के तहत दर्ज मामले में की गई है।
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कई कंपनियां भी ईडी की जांच के दायरे में
अधिकारियों ने बताया कि विदेशों में पैसे भेजने में मदद करने वाली कुछ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय कंपनियां भी ईडी की जांच के दायरे में हैं। एजेंसी ने पिछले एक साल में 35 जगह छापेमारी करके 92 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की है। बुधवार को 104 निर्वासित भारतीयों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान के अमृतसर में उतरने के बाद यह मुद्दा संसद और संसद के बाहर चर्चा का केंद्र बन गया।
कनाडाई कॉलेजों की संलिप्तता की जांच
ईडी ने पिछले साल 24 दिसंबर को एक बयान जारी कर बताया था कि एजेंसी कनाडा की सीमा से भारतीयों की तस्करी से जुड़े धन शोधन मामले में कुछ कनाडाई कॉलेजों और कुछ भारतीय संस्थाओं की कथित संलिप्तता की जांच कर रही है। यह जांच गुजरात के डिंगुचा गांव के रहने वाले चार सदस्यीय भारतीय परिवार की मौत से जुड़ी है। चारों की 19 जनवरी 2022 को अवैध रूप से कनाडा-अमेरिका सीमा पार करने की कोशिश करते समय अत्यधिक ठंड से मौत हो गई थी।