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GST में होगा और सुधार! निर्मला सीतारमण ने किया 3.0 की तरफ इशारा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी सुधार में राजस्व की जगह लोगों को राहत देने को अधिक महत्व दिया। उनका दावा है कि इन सुधारों का पूरे देश को लाभ मिलेगा।

Finance Minister Nirmala Sitharaman.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (Photo Credit: PTI)

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी सुधार को आम लोगों के हित में उठाया गया बड़ा कदम बताया है। उनका कहना है कि इसका लाभ देश के सभी 140 करोड़ लोगों को मिलेगा। अमेरिकी टैरिफ पर भी उन्होंने अपनी बात रखी और प्रभावित होने वाले निर्यातकों को अकेले नहीं छोड़ने की बात कही। जीएसटी व्यवस्था में भविष्य में भी बदलाव देखने को मिल सकता है, इसका संकेत भी उन्होंने दिया। विपक्ष पर निशाना साधा और पूरे देश को जीएसटी सुधार से लाभ मिलने का दावा किया। वित्त मंत्री का कहना है कि जीएसटी की नई दरों से किसानों और एमएसएमई को फायदा होगा।

 

जीएसटी सुधार की टाइमिंग से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री ने साफ किया कि सरकार पिछले डेढ़ साल से इस पर काम कर रही थी। इस प्रक्रिया में टाइम लगता है। बदलावों को घरेलू मांग के आधार पर तय किया गया है। उन्होंने अमेरिकी टैरिफ और जीएसटी सुधार के बीच संबंध से जुड़ी तमाम कयासबाजी को खारिज कर दिया। इंडिया टुडे से विशेष बातचीत में उन्होंने यह बातें बताईं।

 

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पूरे देश को मिलेगा लाभ

निर्मला सीतारण का दावा है कि जीएसटी सुधार का लाभ सिर्फ बिहार को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को होगा। यह सुधार किसान और एमएसएमई के हित में होंगे। आगे कहा कि बिहार जैसे उपभोग आधारित प्रदेशों में मांग को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग जीएसटी को 'गब्बर सिंह टैक्स' कहकर मजाक उड़ाते थे। वह आज सुधारों का श्रेय लेना चाहते हैं। वित्त मंत्री का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता पहले लोगों को राहत देने की है। राजस्व बाद में है।

जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे पेट्रोल-डीजल

पेट्रोल और डीजल जीएसटी का हिस्सा नहीं होंगे। यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट कर दिया है। उनका कहना है कि जीएसटी परिषद के पास केंद्र के मौजूदा प्रस्ताव में पेट्रोल और डीजल शामिल नहीं हैं। न ही इस पर विचार किया जा रहा है। यह मामला अभी राज्यों के आधीन है।  

लोगों पर कम होगा टैक्स का बोझ 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी 2.0 के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के आम नागरिकों पर से टैक्स का बोझ कम करना चाहते थे। नए सुधार इसी से प्रेरित हैं। भारत पर अमेरिकी टैरिफ पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह जीएसटी से जुड़ा मामला नहीं है। मगर टैरिफ का सामना करने वाले निर्यातकों को अकेले इसका बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। अगर निर्यात वस्तु पर 50% टैरिफ लगता है तो इसका अध्ययन सरकार करेगी, जीएसटी परिषद नहीं। मगर सरकार इस पर ध्यान देगी।

 

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जीएसटी में हो सकता एक और सुधार

22 सितंबर से देशभर में जीएसटी 2.0 लागू हो जाएगी। वित्तमंत्री ने बताया कि जीएसटी का पहला फेज एकता और दूसरा सरलता पर केंद्रित है। इस दौरान उन्होंने जीएसटी 3.0 के भी संकेत दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि मेरे लिए जीएसटी को सरल बनाना अहम है। इसका असर हर उपभोक्ता तक महसूस होना चाहिए। कुछ साल बाद हम बात करेंगे कि तीसरा चरण कैसा हो सकता है। 

 

सबसे बड़ा सवाल था कि पॉपकॉर्न पर कितना जीएसटी लगेगा? कई तरह की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि पॉपकोर्न को एक स्लैब में रखा गया है। लेकिन चीनी और चॉकलेट के साथ आने वाले पॉपकोर्न पर अलग स्लैब लागू होगा। खाद्य पदार्थों पर 5% जीएसटी लागू होगा। चाहे वह चीनी के साथ हो या नमक के। सिर्फ हाई शुगर वाले पावर ड्रिंक्स इसके अलग होंगे।

 

 

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