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पैसा लो, बच्चे पैदा करो; कैसे आबादी बढ़ा रहे बूढ़े होते देश?

जापान से फ्रांस तक और दक्षिण कोरिया से जर्मनी तक दुनियाभर के कई देश आज बूढ़ी हो रही आबादी से चिंतित हैं। कई देश आर्थिक मदद से जनसंख्या बढ़ाने में जुटे हैं।

Many countries are struggling with old age.

बुढ़ापे से जूझते कई देश। (AI Generated Image)

रूस समेत दुनिया के कई देश आज घटती जन्मदर और बूढ़ी हो रही आबादी से परेशान हैं। जापान की लगभग 30 फीसदी आबादी औसतन 65 साल से ऊपर की है। रूस भी इसी समस्या से गुजर रहा है। यूक्रेन के खिलाफ 250,000 सैनिकों की मौत और युद्ध के बीच लाखों लोगों के देश छोड़ने से यह संकट और भी गहरा हो गया है। अब रूस स्कूली छात्राओं को बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। अगर कोई स्कूल छात्रा रूस में बच्चे को जन्म देती है तो उसे उसे 1 लाख रूबल (एक लाख रुपये) का भुगतान किया जाता है। बच्चा पैदा करने के बदले प्रोत्साहन राशि देने वाला रूस अकेला देश नहीं है। आज जानते हैं, उन देशों के बारे में जो घटती जन्मदर और बुढ़ापे की समस्या से जूझ रहे हैं। बच्चा पैदा करने वालों पर धनवर्षा कर रहे हैं।  
    
रूस में प्रति महिला प्रजनन दर 1.41 है। जनसंख्या के स्तर को रखने की खातिर 2.05 की जरूरत होती है। पहले सिर्फ वयस्क महिलाओं को बच्चे पैदा करने पर आर्थिक मदद दी जाती है। सरकार के इस फैसले पर रूसी की जनता बंटी हुई है। रूसी पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर के सर्वे के मुताबिक 43 फीसदी जनता इसके पक्ष और 40 प्रतिशत विरोध में है। आलोचकों का कहना है कि किशोरावस्था में गर्भधारण से लड़कियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 

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अमेरिका 

अमेरिका भी अधिक बच्चे पैदा करने को प्रोत्साहित कर रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने बच्चा पैदा करने पर 5 हजार डॉलर का भुगतान करने का प्रस्ताव दिया है। हंगरी में अगर कोई तीन या तीन साल से अधिक बच्चों को जन्म देता है तो उस परिवार को टैक्स में छूट मिलती है। पोलैंड दो बच्चों के बाद पैदा होने वाले हर बच्चे पर 11,885 रुपये की धनराशि देता है। 

जापान 

जापान की आबादी लगभग 12.45 करोड़ है। इसमें करीब 29.1 फीसदी जनसंख्या 65 साल या उससे अधिक है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा वृद्ध आबादी वाला देश जापान है। जापान के राष्ट्रीय जनसंख्या एवं सामाजिक सुरक्षा अनुसंधान संस्थान के मुताबिक 20240 तक देश में 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या लगभग 34.8 फीसदी तक पहुंचाने का अनुमान है। जापान में पहला और दूसरा बच्चा होने पर तीन साल तक हर महीने 8,874 रुपये का भुगतान किया जाता है। वहीं तीसरे और चौथे बच्चे पर हर महीने लगभग 17,700 रुपये दिया जाता है।   

इटली

जापान के बाद सबसे बूढ़ी आबादी इटली में है। यहां लगभग 24.5 फीसदी आबादी 60 साल से ऊपर की है। जन्मदर कम होने से यह अंतर और ही बढ़ता जा रहा है। यूरोस्टेट के आंकड़ों मुताबिक इटली की औसत आयु 48 साल से अधिक की है। इस लिहाज से इटली यूरोपीय संघ का सबसे बूढ़ा देश है। यहां चार में से एक आदमी 65 साल से अधिक है। इसी साल इटली ने बेबी बोनस कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके तहत बच्चे को जन्म देने या गोद लेने पर सरकार लगभग 1,135 अमेरिकी डॉलर का भत्ता दे रही है। खास बात यह है कि यह भत्ता लंबे समय से इटली में रहने वाले अन्य देशों के नागरिकों को मिल रहा है। इटली की सरकार अगले साल भत्ते में इजाफा करेगी। 

फिनलैंड

फिनलैंड की लगभग 23.6 फीसदी आबादी 65 साल से अधिक उम्र की है। यहां बच्चा पैदा करने पर भत्ता और एक बेबी बॉक्स दिया जाता है। माता-पिता को मुफ्त हेल्थकेयर और लंबी छुट्टी की सुविधा भी मिलती है। बेबी बॉक्स में बच्चों के कपड़े समेत कुल 40 तरह की चीजें होती हैं। अगर कोई महिला बॉक्स नहीं लेती है तो उसे 170 यूरो का भुगतान किया जाता है।

 

  • एक बच्चे पर हर महीने 9488 यूरो
  • दूसरे बच्चे पर 10484 यूरो।
  • तीसरे बच्चे पर 13379 यूरो।
  • चौथे बच्चे पर 17324 यूरो।
  • पांचवें और इसके बाद जन्मे बच्चे पर 19269 यूरो।

घटती जन्मदर से यह देश भी परेशान

 

  • सिंगापुर भी घटती जन्मदर की समस्या से जूझ रहा है। यहां दो बच्चों तक लगभग 6.7 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। तीन से अधिक बच्चे होने पर 11,15,328 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अलावा माता-पिता को टैक्स में छूट और छुट्टियों का लाभ मिलता है। 

 

  • अन्य देशों की तरह फ्रांस भी बूढ़ा हो रहा है। 2023 के आंकड़ों के मुताबिक फ्रांस की लगभग 26 फीसदी आबादी 60 साल की उम्र से अधिक की है। 2040 तक यहां तीन में एक आदमी बूढ़ा हो जाएगा। यहां की सरकार चाइल्ड बेनिफिट सिस्टम से जनसंख्या को प्रोत्साहित कर रही है। फ्रांस में हर महीने बच्चों की आर्थिक सहायता दी जाती है। माता-पिता को टैक्स में छूट मिलती है। दो संतान तक 131.16 यूरो और तीन या तीन से अधिक बच्चों पर हर महीने 299.20 यूरो की सहायता दी जाती है।

 

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  • जर्मनी में भी अधिक बच्चा पैदा करने पर आर्थिक सहायता का प्रावधान है। पहले और दूसरे बच्चे पर 194,तीसरे पर 200 और चौथे बच्चे के जन्म पर 225 यूरो की मदद की जाती है।

 

  • ब्रिटेन में पहले बच्चे के जन्म पर हर हफ्ते 23.16 यूरो की आर्थिक मदद मिलती है। यह सहायता बच्चे के 16 वर्ष होने तक जारी रहती है। अगर माता-पिता ने और बच्चों को जन्म दिया तो प्रत्येक बच्चे पर 15.33 यूरो का भुगतान किया जाता है।

 

  • चीन के कुछ प्रांतों, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, डेनमार्क, आयरलैंड, तुर्किये, स्पेन और यूक्रेन जैसे देशों में वहां की सरकारें बच्चा पैदा करने के बदले आर्थिक सहायता समेत टैक्स छूट व अन्य लाभ देती हैं। 

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