फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने सभी खाद्य और पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनियों को अपने उत्पादों पर ओरल रि-डिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) शब्द लिखने से मना किया है। यह नियम उन सभी मामलों पर लागू होगा, जहां ORS किसी उत्पाद के नाम में ट्रेडमार्क के तौर पर इस्तेमाल हो रहा हो। FSSAI ने कहा है कि ORS शब्द का इस्तेमाल ऐसे किसी भी उत्पाद के लिए नहीं होगा, जो फलों, गैर कार्बोनेटेड लिक्विड या रेडी टू ड्रिंक पेय पदार्थों से जुड़ा हो लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को न पूरा करता हो।
अगर कोई कंपनी ऐसा करती है तो वह फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड ऐक्ट 2006 का उल्लंघन कर रही है। FSSAI ने कहा है कि किसी फल, गैर कॉर्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक जैसे उत्पादों पर ORS लिखना, उपभोक्ताओं को गुमराह करना है। अगर कोई कंपनी ऐसा करती है तो इसे भ्रामक लेबलिंग की सूची में रखा जाएगा।
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FSSAI ने यह फैसला क्यों लिया है?
साल 2022 और 2024 में केंद्र सरकार ने 'ORS' शब्द को ट्रेडमार्क के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी। सरकार ने यह अनिवार्य शर्त लगाई थी कि जिस भी उत्पाद पर ORS लिखा गया हो, उस पर साफ तौर पर लिखा गया हो कि'यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अनुशंसित ORS फॉर्मूला नहीं है।'
ORS के नाम पर बेचे जा रहे कई उत्पादों में लगातार धांधली सामने आने के बाद FSSAI ने इसके नाम के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू है। अब सिर्फ ORS उत्पादों को छोड़कर किसी 'कोल्ड ड्रिंक' या 'फूड ड्रिंक' पर ORS नहीं लिखा जाएगा। अब FSSAI ने इस पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
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डॉ. शाहिद अख्तर, बाल रोग विशेषज्ञ:-
बाजार में कई कंपनियां ऐसी थीं जो बिना सर्टिफाइड उत्पादों पर ORS लिखकर बेच रहीं थीं। दरअसल ऐसे उत्पादों का सेहत पर खराब असर भी पड़ सकता है। केवल WHO समर्थित ORS फॉर्मूला डॉक्टरों को लिखना चाहिए।
अगर नियम तोड़ा तो ऐक्शन क्या होगा?
FSSAI ने सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स को ORS शब्द हटाने का निर्देश दिया है। फूड रेग्युलेटर एजेंसी ने कहा है कि अब नए नियमों का पालन अनिवार्य है। जिसने भी इन नियमों का उल्लंघन किया, उसके खिलाफ फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड ऐक्ट 2006 की धारा 52 और 53 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
- धारा 52 क्या है?
फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड ऐक्ट 2006 की धारा 52 किसी खाद्य उत्पाद को'मिसब्रांडेड' या गलत लेबल के साथ बेचने से रोकता है। अगर उत्पाद का लेबल, नाम, सामग्री या गुणवत्ता के बारे में गलत, भ्रामक या अधूरी जानकारी दी जाए, जो उपभोक्ताओं को धोखा दे सकती हो तो इसे 'मिसब्रांडेड' प्रोडक्ट में रखा जाता है।
सजा: 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- धारा 53 क्या है?
फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड ऐक्ट 2006 की धारा 52 भ्रामक विज्ञापन के लिए दंड से संबंधित है। यह धारा उन विज्ञापनों पर लागू होती है, जो किसी फूड प्रोडक्ट की प्रकृति, पदार्थ, गुणवत्ता या मात्रा के बारे में झूठी या भ्रामक जानकारी देते हैं।
सजा: 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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ORS क्या है?
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शाहिद अख्तर:-
ORS एक खास किस्म का घोल है जो शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है। डायरिया, उल्टी, या पेट खराब होने की वजह से हुए डिहाइड्रेशन की स्थिति में डॉक्टर इसे लिखते हैं।
ORS में होता क्या है?
- सोडियम: शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखता है, हाइड्रेशन दुरुस्त रहता है।
- पोटैशियम: मांसपेशियों और दिल को सेहतमंद रखता है।
- क्लोराइड और साइट्रेट: यह इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर के पीएच स्तर को संतुलित करता है।