तमिलगा वेट्री कड़गम (टीवीके) के प्रमुख और ऐक्टर से नेता बने थलापति विजय की 27 सितंबर को हुए राजनीतिक रैली में भगदड़ मचने से करीब 40 लोगों की मौत हो गई। इसमें करीब 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। तमिलनाडु में करूर जिले में 27 सितंबर को हुए इस हादसे के समय रैली में करीब 25000 से ज्यादा लोग जमा हुए थे। इनमें मरने वालों में 17 महिलाएं और 9 बच्चे शामिल थे। इनमें एक 18 महीने का बच्चा हरि विष्णु भी शामिल था जिसकी मौत हो गई। परिवार ने बताया कि पोते को टीवी पर देख कर समझ लिया था कि उसकी मौत हो गई है।
जब घटना की जानकारी विष्णु के परिवार वालों को मिली तब से उनका बहुत बुरा हाल है। रैली में बच्चे को उसकी मौसी ले कर गई थी, जो वहीं वेलुसामी नगर में रहती हैं।। विष्णु की दादी ने कहा, 'रैली में हमारे परिवार के जितने लोग भी गए थे सभी सरकारी अस्पताल में भर्ती है। मेरे पोते की वहीं मौत हो गई। मेरे बेटे ने पोते को टीवी पर देखा था और तभी उसे पता चला कि उसकी मौत हो गई।'
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रैली को लेकर विवाद
विजय और उनकी पार्टी टीवीके पर आरोप है कि रैली के लिए प्रशासन से इजाजत नहीं ली गई थी। विजय खुद रैली में करीब 7 घंटे की देरी से पहुंचे थे। रैली में शामिल लोगों की संख्या तय पैमाने से कहीं ज्यादा थी जिसके बारे में प्रशासन को नहीं बताया गया था। अधिकारियों ने कहा कि अचानक तय सीमा से ज्यादा भीड़ आ गई। लोग घबराहट में गिरते गए और जान चली गई। कई पीड़ित दिहाड़ी मजदूर और निम्न आय वर्ग के लोग थे। पुलिस ने बताया था कि इतने लोगों की जुटने की उम्मीद नहीं थी इसलिए भीड़ बेकाबू होने पर संभल नहीं पाई।
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मुआवजे का ऐलान
विजय ने हादसे के बाद मृतकों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया। इसके पहले राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की सरकार ने मृतकों के परिवार के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1 लाख रुपये मदद की घोषणा की है। राज्य सरकार ने भगदड़ की जांच के लिए रिटायर्ड जज अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक आयोग की घोषणा की है।