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दक्षिण में 'अभिनेताओं' के सहारे कुनबा बढ़ा रही BJP, अब बारी विजय की!

दक्षिण भारत में अपने विस्तार के लिए बीजेपी एक रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। इस रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए पार्टी कोई जल्दबाजी में नहीं करती दिखाई देती।

South India cinema

Photo Credit- Social Media

पूरे उत्तर भारत में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें (हिमाचल प्रदेश-झारखंड को छोड़कर) है। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि उत्तर भारतीय राज्यों में बीजेपी बड़ा जनाधार और बहुत मजबूत संगठन है। कई राज्यों में तो पार्टी की एक दशक से भी ज्यादा समय से सरकारें हैं। इती तरह से मध्य भारतीय राज्यों में भी बीजेपी काफी मजबूत है लेकिन पार्टी जब दक्षिण भारत में जाती है तो वहां वह कमजोर दिखाई देती है। दक्षिण में कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जहां पार्टी और उसका संगठन मजबूत है। यही वजह है कि बीजेपी अब दक्षिण में अपना विस्तार करने के लिए मेहनत कर रही है।

 

दक्षिण भारत में अपने विस्तार के लिए बीजेपी एक रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। इस रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए पार्टी कोई जल्दबाजी में नहीं करती दिखाई देती है। पार्टी आलाकमान जिस रणनीति पर काम कर रहा है वह आज नहीं, बल्कि भविष्य में बीजेपी के लिए वरदान साबित हो सकता है।

दक्षिण में विस्तार कर रही बीजेपी 

दरअसल, पार्टी दक्षिण भारतीय राज्यों में पुराने संगठन के साथ में नए नेताओं शामिल करके और उन्हें तैयार करके बीजेपी का विस्तार कर रही है। इसके लिए बीजेपी ऐसे नेताओं को केंद्रीय संगठन और सरकार में शामिल करके उन्हें बड़ा चेहरा बना रही है। इन चेहरों में सबसे बड़ा नाम तमिलनाडु के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई और केरल से आने वाले केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी हैं।

 

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बड़े अभिनेताओं पर फोकस

मगर, इन सबसे बावजूद पार्टी जिस चीज पर फोकस कर रही है वो ये कि दक्षिण भारतीय सिनेमा के बड़े अभिनेताओं को बीजेपी अपने साथ मिला रही है। इन अभिनेताओं को अपने साथ लेकर बीजेपी अपने जनाधार को मजबूत कर रही है। यह सभी जानते हैं कि दक्षिण के अभिनेताओं की उनके राज्य में दीवानगी अलग लेवल की होती है, जिसकी वजह से जनता उन्हें जी भरकर मान-सम्मान देती है। इन्हीं अभिनेताओं की फैन फॉलोइंग को बीजेपी अपना बनाना चाहती है।

सुरेश गोपी

यही वजह है कि बीजेपी ने आंध्र प्रदेश में पवन कल्याण, केरल में सुरेश गोपी और मोहनलाल, तेलंगाना में चिरंजिवी और तमिलनाडु में थलपति विजय को साथ लेकर चल रही है। इसमें से सुरेश गोपी ने साल 2016 में बीजेपी ज्वाइन करली। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें 2019 में त्रिशूर से लोकसभा और 2021 का केरल विधानसभा चुनाव लड़वाया लेकिन वह हार गए। पार्टी ने एक बार फिर से गोपी पर विश्वास करते हुए 2024 में त्रिशूर से लोकसभा का टिकट दिया, इस बार वह चुनाव जीत गए और सांसद बनकर भारतीय संसद पहुंचे। उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।    

पवन कल्याण (आंध्र प्रदेश)

दूसरा नंबर आता है 'जन सेना पार्टी' के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बड़े तेलुगु अभिनेता रहे पवन कल्याण का। जन सेना पार्टी का गठन पवन कल्याण ने मार्च 2014 में किया, वह लगातार आंध्र प्रदेश में पार्टी के विस्तार के लिए मेहनत करते रहे। सबसे पहले उन्होंने 2014 के लोकसभा में चुनाव तो नहीं लड़ा लेकिन बीजेपी-टीडीपी गठबंधन को अपना समर्थन दिया। इसके बाद पार्टी अपने विस्तार पर ध्यान देती रही और 2019 में पूरी तैयारी के साथ विधानसभा में उतरी। इस पहले चुनाव में जन सेना पार्टी एक सीट जीतने में कामयाब रही और राज्य में 6 फीसदी वोट हासिल किए।

 

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जन सेना पार्टी के बढ़ते जनाधार और पनव कल्याण की जनता के बीच बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें अपने पाले में कर लिया। इसके बाद पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश में भ्रष्टाचार और किसानों की समस्याओं को मुद्दा बनाया और मजबूत जनाधार बनाकर 2024 के आंध्र प्रदेश के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी-टीडीपी गठबंधन में साथ होकर चुनाव लड़ी। विधानसभा चुनाव में पवन कल्याण की पार्टी जन सेना 21 विधायकों को जीताने में कामयाब रही, जबकि पार्टी लोकसभा की भी दो सीटें जीतने में सफल हुई।

 

यही वजह है कि जब चुनाव बाद आंध्र प्रदेश सरकार का गठन हुआ तो टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू राज्य के मुख्यमंत्री बने और पवन कल्याण आंध्र के उप मुख्यमंत्री बनाए गए। वहीं, उनके दोनों सांसद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को एनडीए का हिस्सा होकर समर्थन दे रहे हैं।

कोनिडेला चिरंजिवी (आंध्र प्रदेश और तंलेगाना)

मेगास्टार कोनिडेला चिरंजिवी तेलुगु सिनेमा के बाहुबली माने जाते हैं। उन्होंने साल 2008 में अविभाजिय आंध्र प्रदेश में 'प्रजा राज्यम पार्टी' का गठन किया था। पार्टी के गठन के एक साल बाद ही आंध्र प्रदेश विधानसभा की 294 सीटों के लिए चुनाव हुए। अपने पहले ही चुनाव में चिरंजिवी की पार्टी ने विधानसभा की 18 सीटें जीत लीं और राज्य में 16 फीसदी वोट हासिल किए। चिरंजिवी और उनकी पार्टी की लोकप्रियता को देखते हुए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिरंजिवी के साथ चली एक लंबी बातचीत के बाद फरवरी 2011 में प्रजा राज्यम पार्टी का कांग्रेस में विलय करवाने में कामयाब रहीं।

 

इसके बाद कांग्रेस ने चिरंजिवी को 2012 में राज्यसभा में भेजा और फिर बार में पार्टी ने उन्हें 2013 में केंद्रीय पर्यटन मंत्री के पद से नवाजा। 2014 में कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद चिरंजिवी सक्रिय राजनीति से लगभग नदारद हो गए हैं लेकिन उनके छोटे भाई पवन कल्याण आंद्र प्रदेश की राजनीति में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। मगर, चिरंजिवी के कद और लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें 9 मई 2024 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

 

इसको देखते हुए माना जा सकता है कि मेगास्टार चिरंजिवी की कांग्रेस से दूरियां बढ़ी हैं तो बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ी हैं। बीजेपी को चिरंजिवी की लोकप्रियता का फायदा आंद्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों राज्यों में मिल सकता है।

मोहनलाल (केरल)

मलयालम फिल्मों के स्टार मोहनलाल केरल में लोकप्रिय हैं। केरल में फिल्मों के शौकीन उन्हें सम्मान देते हैं। बीजेपी इस बात को बखूबी समझती है। यही वजह है कि बीजेपी केरल में अपने विस्तार के लिए मोहनलाल के साथ मधुर संबंध रखती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल की अपनी रैलियों में कई बार मोहनलाल का नाम ले चुके हैं।  

 

मोहनलाल की लोकप्रियता को देखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए 2019 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया। हालांकि, मोहनलाल को इससे पहले साल 2001 में बाजपेयी सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था।

थलपति विजय (तमिलनाडु)

थलपति विजय तमिल सिनेमा के बड़े अभिनेता हैं। उनकी फिल्मों का बजट करोड़ों में होता है, जो सैकड़ों करोड़ का बिजनेस करती हैं। तमिलनाडु में विजय की सुपरस्टार वाली लोकप्रियता है। विजय ने भी अन्य दक्षिण भारतीय अभिनेताओं की ही तरह ने फिल्मों से हटके 2 फरवरी, 2024 को 'तमिलगा वेट्री कज़गम' नाम से राजनीतिक पार्टी लॉन्च कर दी। विजय ने पार्टी लॉन्च 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव को लेकर की है।
 
पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु का दौरा किया था। शाह की नजर राज्य में बीजेपी का कुनबा बढ़ाने के लिए सिने स्टार थलपति विजय की पार्टी टीवीके पर है। तमिलनाडु बीजेपी की वरिष्ठ नेता और तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने पिछले दिनों इस बात के संकेत दे दिए थे कि पार्टी जल्द ही विजय की पार्टी से संपर्क करेगी। उन्होंने कहा था कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही तमिलगा वेट्री कज़गम समेत डीएमके विरोधी पार्टियों के साथ बातचीत शुरू करेगा। सवाल है कि क्या विजय और उनकी पार्टी तमिलनाडु में बीजेपी के लिए वह कर सकते हैं, जो आंध्र प्रदेश में पवन कल्याण और उनकी पार्टी ने किया है?

 

बता दें कि इससे पहले तमिलनाडु में स्टार पॉलिटिक्स जोरों पर चली है और राज्य की सत्ता पर राज किया है। एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन यानी एमजीआर ने. एमजीआर ने कांग्रेस से सियासी सफर की शुरुआत की और 1972 में एआईएडीएमके पार्टी बनाई और इसके पांच साल बाद 1977 में पहली बार सीएम बने।

 

इसके अलावा एम करुणानिधि और जयललिता का बैकग्राउंड भी फिल्म जगत से रहा, जो बाद में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। इसी तरह से थलपति विजय भी तमिल फिल्मों के सुपरस्टार हैं और तमिलनाडु की पॉलिटिक्स भी स्टार पॉलिटिक्स के मुफीद रही है। ऐसे में बीजेपी को उनके साथ आने से बेहतर की उम्मीद है।

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